प्रगति के पथ पर बिहार – Pragati ke Path per Bihar

भूमिका- एक समय था जब बिहार के विषय में कहा जाता था कि यहाँ जंगल राज है । यहाँ की प्रसिद्धि अपहरण, रंगदारी, उबड़-खाबड़ सड़कें, अशिक्षा, गरीबी, बेरोजगारी आदि कुव्यवस्था…

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भारतीय पर्व – Bhartiya Parv

भूमिका- मानव समाज में कटुता बहुत तेजी से बढ़ी है। लोग मतलबी होते जा रहे हैं। ऑफिस से घर और घर के अन्दर ताले में बन्द हो जाते हैं। यह…

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होली – Holi

भूमिका – भारत उत्सवों का देश है । होली सबसे अधिक रंगीन और मस्त उत्सव है । इस दिन भारतवर्ष में सभी फक्कड़ता और मस्ती की भाँग में मस्त रहते…

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संज्ञा – Sangya

संज्ञा की परिभाषाप्रश्न 1. संज्ञा की परिभाषा देते हुए कुछ उदाहरण दीजिए ।उत्तर- किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान, भाव आदि के नामों को 'संज्ञा' कहते हैं ।जैसे पत्थर, मनुष्य, मूर्खता, राम,…

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वर्ण विचार – Varn Vichar

वर्ण परिभाषा-भाषा -- व्यक्ति द्वारा सार्थक उच्चरित वाणी को भाषा कहते हैं ।वर्ण का प्रयोग -- वर्ण का प्रयोग ध्वनि चिह्न तथा लिपि चिह्न दोनों के लिए होता हैं। इस…

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छात्र और अनुशासन – Chhatra aur Anushasan

भूमिका- अनुशासन का अर्थ है-व्यवस्था, क्रम और आत्म-नियंत्रण। यह एक ऐसा गुण है जो समय की बचत करता है, धन और शक्ति का अपव्यय रोकता है तथा अतिरिक्त बल पैदा…

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आधुनिक नारी – Aadhunik Nari

भूमिका – आधुनिक नारी बदलती हुई दुनिया में बदलाव की एक मिसाल है। प्राचीन काल में गौरवपूर्ण नारी, मध्यकालीन काल में अबला हो गई मगर आधुनिक नारी सबला है। वर्तमान…

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वसंत ऋतु – Vasant Ritu

भूमिका – भारत अनेक ऋतुओं का देश है। यहाँ गर्मी-सर्दी, बरसात-पतझड़ वसंत व हेमन्त आदि छः ऋतुओं का आगमन होता रहता है। इनमें वसंत सब की प्रिय ऋतु है जिसके…

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राष्ट्रीय एकता – Rashtriy Ekta

भूमिका – राष्ट्रीय एकता का तात्पर्य है - राष्ट्र के सब घटकों में भिन्न विचारों और भिन्न आस्थाओं के होते हुए भी आपसी प्रेम, एकता और भाईचारे का बना रहना…

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