भूमिका – अपनी मातृभूमि, समाज और देश के प्रति प्रेम, सद्भावना और कर्म ही देशभक्ति है । देश के प्रति भक्ति इसके प्रत्येक व्यक्ति का कर्त्तव्य है, क्योंकि तभी देश सुखी और सुरक्षित रह सकता है ।
देशभक्ति क्यों – प्रत्येक देशवासी का अस्तित्व उसके देश से जुड़ा होता है, इसलिए प्रत्येक व्यक्ति में देशभक्ति रहना चाहिए । देशभक्ति से ही समाज तथा देश का संगठन सुदृढ़ होता है । यही व्यक्ति में प्रेरणा तथा कर्त्तव्य भावना भरती देशभक्ति नहीं हो तो देश का समाज बिखर जायेगा और व्यक्ति निराश्रित हो जायेगा ।
महत्त्व — देशभक्ति का महत्त्व देश की आवश्यकता के लिए है । यह देश की अपेक्षा होती है कि उसके सभी नागरिक उसके प्रति प्रेम, कर्त्तव्य, सेवा और सहृदयता की भावना रखे। तभी देश तथा देशवासी का अस्तित्व कायम रहेगा । सबका विकास, सबका साथ तथा सबकी स्वतंत्रता कायम रहेंगे और देश में सुख-समृद्धि तथा कल्याण हासिल होंगे ।
उपसंहार — कुछ व्यक्ति अपने स्वार्थ में अंधे होकर अपनी देशभक्ति तथा कर्त्तव्य भूल जाते हैं । परिणाम होता है आपसी संघर्ष, मनमुटाव तथ कलह और अंततः देश का विघटन । अतः सभी व्यक्तियों को अपने तथा देश के स्वार्थ में सामंजस्य पैदा कर ही कोई कदम उठाना चाहिए । इस प्रकार स्वयं तथा देश दोनों के प्रति भक्ति वर्त्तमान रहेगी ।