काली मिट्टी का दूसरा नाम क्या है (Kali Mitti Ka Dusra Naam Kya Hai)

Kali Mitti Ka Dusra Naam Kya Hai (काली मिट्टी का दूसरा नाम क्या है)

* काली मिट्टी:-

    काली मिट्टी को लावा मिट्टी भी कहते हैं क्योंकि यह दक्कन ट्रैप के लावा चट्टानों की अपक्षय अर्थात टूटने फूटने से निर्मित हुई मिट्टी है। – दक्कन पठार के अलावा यह मिट्टी मालवा पठार की भी विशेषता है अर्थात मालवा पठार पर भी यह मिट्टी पाई जाती है। – काली मिट्टी का सर्वाधिक विस्तार महाराष्ट्र राज्य में है।

काली  मिट्टी कहाँ पाई जाती है ?

              भारत की स्थानीय मिट्टी में से यह मिट्टी सबसे अलग दिखाई देती है, इसे रेगुर भी कहा जाता है। 5 लाख वर्ग किमी क्षेत्र मे फैली यह मिट्टी 100 से 250 उत्तरी अक्षांश 730 से 800 पूर्वी देशान्तर के बीच पाई जाती है। 

             यह मिट्टी गुजरात एवं महाराष्ट्र राज्यों के अधिकांश क्षेत्र, मध्य प्रदेश के पश्चिमी क्षेत्र, उड़ीसा के दक्षिणी क्षेत्र, कर्नाटक राज्य के उत्तरी ज़िलों, आंध्र प्रदेश के दक्षिणी क्षेत्र, कर्नाटक राज्य के उत्तरी ज़िलों, आंध्र प्रदेश के दक्षिणी एवं समुद्रतटीय क्षेत्र, तमिलनाडु के सलेम, रामनाथपुरम, कोयम्बटूर तथा तिरनलवैली, राजस्थान के बूंदी तथा टोंक आदि ज़िलों में 5.5 लाख वर्ग किमी क्षेत्र पर विस्तृत है।

          मिट्टी मुख्यतः महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात, और मध्य प्रदेश में पाई जाती है और इस मिट्टी में मैग्नेशियम,चूना,लौह तत्व तथा कार्बनिक पदार्थों की अधिकता होती है। इस मिट्टी का काला रंग टिटेनीफेरस मैग्नेटाइड एंव जीवांश(Humus) की उपस्थिति के कारण होता है।

काली  मिट्टी की विशेषता:-

        अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काली मिट्टी को चेरनोजम कहा गया है। चेरनोजम मिट्टी मुख्य रूप से काला सागर के उत्तर में यूक्रेन में तथा ग्रेट लेक्स के पश्चिम में संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा में पाई जाती है।

  – काली मिट्टी को लावा मिट्टी भी कहते हैं क्योंकि यह दक्कन ट्रैप के लावा चट्टानों की अपक्षय अर्थात टूटने फूटने से निर्मित हुई मिट्टी है

   – दक्कन पठार के अलावा काली मिट्टी मालवा पठार की भी विशेषता है अर्थात मालवा पठार पर भी काली मिट्टी पाई जाती है।

    – काली मिट्टी का सर्वाधिक विस्तार महाराष्ट्र राज्य में है।

     – काली मिट्टी की प्रमुख विशेषता यह है कि उसमें जल धारण करने की सर्वाधिक क्षमता होती है काली मिट्टी बहुत जल्दी चिपचिपी हो जाती है तथा सूखने पर इस में दरारें पड़ जाती हैं इसी गुण के कारण काली मिट्टी को स्वत जुताई वाली मिट्टी कहा जाता है।

   – कपास की खेती सर्वाधिक गुजरात राज्य में होती है अर्थात कपास का उत्पादन सर्वाधिक गुजरात राज्य में होता है।

Kali Mitti Ka Dusra Naam Kya Hai (काली मिट्टी का दूसरा नाम क्या है)