कारक एवं विभक्ति- संस्कृत

कारक एवं विभक्ति – संस्कृत 

1. उक्ते कर्मणि प्रथमा – जब वाक्य कर्मवाच्य का हो तथा उसमें कर्म की प्रधानता हो तो कर्म कारक में प्रथमा विभक्ति लगाई जाती है। जैसे- रामेण चन्द्रः दृश्यते ।

2. कर्त्तरि प्रथमा – जब वाक्य कर्तृवाच्य का हो तथा कर्त्ता की प्रधानता होने पर कर्त्ता में प्रथमा विभक्ति लगाई जाती है – जैसे- रामः चन्द्रं पश्यति । अहं फलं खादामि ।

3. क्रिया विशेषणे च – क्रिया की विशेषता बतलाने वाले को क्रिया विशेषण कहते हैं और उसमें द्वितीया विभक्ति लगाई जाती है। जैसे – मोहनः मधुरं वदति। सः मन्दं मन्दं चलति ।

4. कर्मणि द्वितीया – जब वाक्य कर्तृवाच्य का हो तो कर्म में द्वितीया विभक्ति लगाई जाती है । जैसे – रामः पुस्तकं पठति । वयम् ग्रामं गच्छामः ।

5. अत्यन्त संयोगे द्वितीया – क्रिया के लगातार होने तथा फल की प्राप्ति न होने पर कालवाचक और मार्गवाचक शब्दों में द्वितीया विभक्ति लगाई जाती है। जैसे- सः मासं व्याकरणं अधीते, इयं नदी क्रोशं कुटिला अस्ति ।

6. करणे तृतीया – करण कारक में तृतीया विभक्ति लगाई जाती है । जैसे- सः कलमेन पत्रं लिखति ।

7. साधकतमं करणम् — क्रिया की सिद्धि में जो सबसे अधिक सहायक हो उसे करण कहते हैं और उसमें तृतीया विभक्ति लगाई जाती है। जैसे- आखेटक : बाणेन मृगं हन्ति । रामः कलमेन पत्रं लिखति ।

8. अपवर्गे तृतीया — क्रिया की सिद्धि या फल की प्राप्ति को अपवर्ग कहते हैं और वैसी स्थिति में कालवाचक और मार्गवाचक शब्दों में तृतीया विभक्ति लगाई जाती है। जैसे- रमेश : मासेन व्याकरणम् अपठत् । इयं नदी क्रोशेन कुटिला अस्ति ।

9. येनाङ्गविकारः – शरीर के जिस अंग में यदि कोई विकार हो, तो उस विकार वाले अंग में तृतीया विभक्ति लगाई जाती है । जैसे- रामः पादेन खञ्जः अस्ति।

10. प्रकृत्यादिभ्यः उपसंख्यानम् — प्रकृति (स्वभाव), जाति, आकृति, गोत्र और नाम आदि बतलाने के योग में तृतीया विभक्ति लगाई जाती है। जैसे – सः गोत्रेण भारद्वाजः अस्ति । रामः जात्या ब्राह्मणः अस्ति ।

11. सहार्थे तृतीया — सह अर्थात् साथ के योग में जो अप्रधान अर्थात् गौण कर्त्ता रहता है अर्थात् जिसके साथ प्रधान कर्त्ता हो, उसमें तृतीया विभक्ति लगाई जाती है । जैसे – सः मया सह तत्र पठति, पिता पुत्रेण सह गृहं गच्छति ।

12. सम्प्रदाने चतुर्थी — जिसे कोई चीज देकर पुनः लिया न जाए तो जिसे दीजाए उसमें चतुर्थी विभक्ति लगाई जाती है। जैसे- सः विप्राय वस्त्रं ददाति । रामः दरिद्राय अन्नं ददाति ।

13. दानार्थे चतुर्थी — जिसे कोई वस्तु दान के रूप में दी जाए, उसमें चतुर्थी विभक्ति लगाई जाती है। जैसे—राजा जनेभ्यः धनं ददाति । सः ब्राह्मणाय गां ददाति ।

14. इत्यंभूत लक्षणे – जब किसी विशेष चिह्न से किसी को जाना या पहचाना जाए तो उस विशेष चिह्न वाचक शब्दों में तृतीया विभक्ति लगाई जाती है। जैसे- सः जटाभिः तापसः प्रतीयते । सः पुस्तकेन छात्रः प्रतीयते

15. नमः योगे चतुर्थी – जिसे नमः अर्थात् नमस्कार किया जाए उसमें चतुर्थी विभक्ति लगाई जाती है। जैसे- देवाय नमःशिवाय नमःहनुमते नमः

16. रुच्यर्थानां प्रीयमाणः – रूच् धातु के योग में जिसे कोई चीज अच्छी लगती हो उसमें चतुर्थी विभक्ति लगाई जाती है। जैसे- बालकाय मोदकं रोचते । ब्राह्मणाय मधुरं रोचते ।

17. स्पृहेरीप्सितः – स्पृह धातु के योग में जिस वस्तु की इच्छा की जाए, उसमें चतुर्थी विभक्ति लगाई जाती है। जैसे – बालकः कन्दुकाय स्पृह्यति ।

18. धारेरूत्तमर्ण: – धारि धातु के योग में जो कर्ज देता है, उसमें चतुर्थी विभक्ति लगाई जाती है। जैसे – मोहनः रामाय शतं रूप्यकाणि धारयति ।

19. तदर्थे चतुर्थी – जिस प्रयोजन के लिए जो वस्तु हो, उसमें चतुर्थी विभक्ति लगाई जाती है। जैसे – इदं स्वर्णं कुण्डलाय अस्ति ।

20. तुमर्थाच्च भाववचनात् — तुमुन् प्रत्यान्त शब्दों के अर्थ में चतुर्थी विभक्ति होती है। जैसे – सः क्रीडनाय गच्छति (स: क्रीडितुम् गच्छति । (सः पठितुम् विद्यालयं गच्छति) की जगह सः पठनाय विद्यालयं गच्छति ।

21. ध्रुवमपायेऽपादानम् — निश्चित वस्तु से जब कोई चीज अलग होती हो, तो उस निश्चित वस्तु में पञ्चमी विभक्ति लगाई जाती है, जैसे – वृक्षात् पत्राणि पतन्ति ।

22. अपादाने पञ्चमी—अलग होने के योग में जिससे कोई वस्तु अलग होती है तो उसमें पञ्चमी विभक्ति लगाई जाती है। जैसे – सः अवात् पतति । वृक्षात् फलानि पतन्ति ।

23. भीत्रार्थानां भयहेतुः – भयवाचक तथा रक्षावाचक शब्दों में अर्थात् जिससे भय हो या जिससे रक्षा की जाए तो उसमें पञ्चमी विभक्ति लगाई जाती है । जैसे- सः व्याघ्रात् रक्षति।

24. आख्यातोपयोगे — नियमपूर्वक जिससे पाठ पढ़ा जाए तो पढ़ाने वाले शब्दों में पञ्चमी विभक्ति लगाई जाती है। जैसे- अध्यापकात् सः व्याकरणं पठति ।

25. भुवः प्रभवः – जहाँ से कोई उत्पन्न होती है, उसमें पञ्चमी विभक्ति लगाई जाती है। जैसे- गंगा हिमालयात् प्रभवति।

26. षष्ठी चानादरे – जिसका अनादर करके कोई काम किया जाए उसमें षष्ठी या सप्तमी विभक्ति लगाई जाती है। जैसे – (क) रुदतः पुत्रस्य पिता वनं गतवान् । (ख) रुदति पुत्रे पिता वनं जगाम ।

27. यतश्च निर्धारणम् – जब किसी समूह से किसी को श्रेष्ठ बताया जाये तो उस समूह वाचक शब्दों में षष्ठी या सप्तमी विभक्ति लगाई जाती है। जैसे – कवीनां कालिदासः श्रेष्ठः । कविषु कालिदासः श्रेष्ठः ।

28. भावे सप्तमी – जिस क्रिया के काल से दूसरी क्रिया के काल का ज्ञान हो तो उस पूर्वकालिक क्रिया तथा उसके कर्त्ता में सप्तमी विभक्ति लगाई जाती है। जैसे- अस्तंगते सूर्ये सः गृहम् अगच्छत् । उदिते सूर्ये तडागे कमलानि विकसन्ति।

कारक (विभक्ति) Objective Question Answer 

1. ‘अव्यय’ के योग में कौन-सी विभक्ति होती है?

(A) प्रथमा
(C) तृतीया
(B) द्वितीया
(D) चतुर्थी

उत्तर- (B)

2. सम्बन्ध कारक में कौन-सी विभक्ति होती है?

(A) तृतीया
(C) पंचमी
(B) चतुर्थी
(D) षष्ठी

उत्तर- (D)

3. ” मया ग्रन्थः पठितः ” वाक्य के मया पद में तृतीया विभक्ति किस सूत्र से हुई है?

(A) सहयुक्तेऽप्रधाने
(B) रुच्यर्थानां प्रियमाणः
(C) उक्ते कर्मणि प्रथमा
(D) अनुक्ते कर्तरि तृतीया

उत्तर- (C)

4. ” अपवर्गे तृतीया ” सूत्र का उदाहरण कौन-सा है ?

(A) मासं व्याकरणं अधीतम्
(B) मह्यम् शतं धारयति ।
(C) नरेषु उत्तमः नरः
(D) तेन मासेन व्याकरणं पठितम्

उत्तर- (D)

5. भोजनं कृतम् । वाक्य के रिक्त स्थान में कौन – सा पद होगा ?

(A) महाम्
(B) मम
(C) माम्
(D) मया

उत्तर- (D)

6. “आधार” में कौन-सी विभक्ति होती है?

(A) तृतीया
(B) प्रथमा
(C) अधिकरण
(D) षष्ठी

उत्तर- (C)

7. ‘भुवः प्रभवः’ सूत्र का उदाहरण है —

(A) हिमालयात् गंगा प्रभवति ।
(B) सा हर्षात् हसति ।
(C) सीता रामेण सह वनं गतवती ।
(D) नेतारः पदाय स्पृहयन्ति ।

उत्तर- (A)

8. ‘रुच’ धातु के योग में जिसे कोई वस्तु प्रिय लगे उसके लिए चतुर्थी विभक्ति किस सूत्र से होती है?

(A) धारेरुतमर्ण:
(B) रुच्यर्थानां प्रीयमाणः
(C) येनाङ विकार :
(D) आख्यातोपयोगे

उत्तर- (B)

9. ‘सः व्याघ्रात् बिभेति’ । यहाँ रेखांकित पद में कौन सी विभक्ति है ?

(A) चतुर्थी
(B) पंचमी
(C) तृतीया
(D) सप्तमी

उत्तर- (B)

10. ‘इत्थं भूत लक्षणे’ सूत्र का उदाहरण है—-

(A) परिश्रमेण धनं भवति
(B) अयं जटाभिः तापसः ज्ञायते ।
(C) गोपालः पादेन खञ्जः अस्ति ।
(D) राम : बाणेन रावणं हतवान् ।

उत्तर- (B)

11. ‘मन्दं मन्दं नुदति पवनः । ‘ वाक्य के ‘मन्दं मन्दम्’ पद में द्वितीया विभक्ति किस सूत्र से हुई है?

(A) क्रियाविशेषणे द्वितीया
(B) कर्मणि द्वितीया
(C) कालाध्वनोरत्यन्त संयोगे द्वितीया
(D) अकथितञ्च

उत्तर- (A)

12. ………… ‘पिता आपणं गतः । ‘ वाक्य के रिक्त स्थान में कौन – सा पद होगा ?

(A) रुदन्तं बालम्
(B) रुदन्बाल:
(C) रुदति बालके
(D) रुदते बालाय

उत्तर- (C)

13. ‘मृगः सिंहात् बिभेति’ वाक्य के ‘सिंहात्’ पद में पञ्चमी विभक्ति किस सूत्र से हुई है ?

(A) भीत्रार्थानां भय हेतुः
(B) अपादाने पञ्चमी
(C) भुवः प्रभवः
(D) आख्या तोपयोगे

उत्तर- (A)

14. ‘रुच्यार्थानां प्रियमाण: ‘ सूत्र का उदाहरण कौन है?

(A) देवदत्तः मह्यं शतं धारयति
(B) बालकाय मोदकं रोचते
(C) दुर्योधनः भीमाय असूयति
(D) शिवाय नमः

उत्तर- (B)

15. ‘मोहन…….. व्याकरणम् अधीतवान् ।’ वाक्य के रिक्त स्थान में कौन पद होगा ?

(A) मासस्य
(B) मासेन
(C) मासे
(D) मासात्

उत्तर- (B)

16. ‘मोहन: विद्यालयं गच्छति।’ ‘मोहन:’ पद में किस सूत्र का प्रयोग है?

(A) कर्मणि द्वितीया
(B) कर्त्तरि प्रथमा
(C) करणे तृतीया
(D) अपवर्गे तृतीया

उत्तर- (B)

17. निम्न में ‘ उक्ते कर्मणि प्रथमा’ का उदाहरण कौन है?

(A) सः गच्छति
(B) रामेण सह गच्छति
(C) सर्पात् विभेति
(D) मया मोहन : दृश्यते ।

उत्तर- (D)

18. ‘अश्वः तीव्रं धावति । ‘ वाक्य में किस सूत्र का प्रयोग हुआ है?

(A) कर्मणि द्वितीया
(B) करणे तृतीया
(C) क्रिया विशेषण द्वितीया
(D) सम्प्रदाने चतुर्थी

उत्तर- (C)

19. काल और मार्गवाचक शब्द में कौन-सी विभक्ति होती है?

(A) चतुर्थी
(C) पंचमी
(B) द्वितीया
(D) सप्तमी

उत्तर- (B)

20. ‘अभितः’ के योग में कौन-सी विभक्ति होती है?

(A) प्रथमा
(C) चतुर्थी
(B) तृतीया
(D) द्वितीया

उत्तर- (D)

21. ‘परितः’ के योग में कौन-सी विभक्ति होती है?

(A) द्वितीया
(C) तृतीया
(B) षष्ठी
(D) पंचमी

उत्तर- (A)

22. ‘उभयतः’ के योग में कौन-सी विभक्ति होती है?

(A) प्रथमा
(C) चतुर्थी
(B) तृतीया
(D) द्वितीया

उत्तर- (D)

23. ‘समया’ के योग में कौन-सी विभक्ति होती है ?

(A) चतुर्थी
(C) पंचमी
(B) द्वितीया
(D) षष्ठी

उत्तर- (B)

24. ‘निकषा’ (नजदीक) के योग में कौन-सी विभक्ति होती है?

(A) द्वितीया
(B) तृतीया
(C) चतुर्थी
(D) षष्ठी

उत्तर- (A)

25. पश्चात् (पीछे) के योग में कौन-सी विभक्ति होगी?

(A) द्वितीया
(C) सप्तमी
(B) पंचमी
(D) षष्ठी

उत्तर- (B)

26. ऊर्ध्वम् (बाद, आगे) के योग में कौन-सी विभक्ति होगी ?

(A) प्रथमा
(C) चतुर्थी
(B) द्वितीया
(D) पंचमी

उत्तर- (D)

27. ‘तुलना’ के अर्थ में कौन-कौन सी विभक्ति होगी ?

(A) प्रथमा / द्वितीया
(B) चतुर्थी / पंचमी
(C) तृतीया / षष्ठी
(D) प्रथमा / सप्तमी

उत्तर- (C)

28. ‘विशिष्ट’ अर्थ बताने वाले के योग में कौन-सी विभक्ति होगी ?

(A) षष्ठी / सप्तमी
(C) पंचमी
(B) द्वितीया
(D) तृतीया

उत्तर- (A)

29. ‘क्रिया – विशेषण’ में कौन-सी विभक्ति होती है?

(A) द्वितीया
(C) चतुर्थी
(B) तृतीया
(D) पंचमी

उत्तर- (A)

30. ‘छात्रा : विद्यालये पठन्ति ।’ यहाँ ‘विद्यालये’ किस सूत्र से हुआ है?

(A) आधारोऽधिकरणम्
(B) षष्ठी शेषे
(C) भावे सप्तमी
(D) कर्मणि द्वितीया

उत्तर- (A)

31. ‘रामः पित्रा सह विद्यालयं गच्छति ।’ यहाँ ‘पित्रा’ में कौन-सी विभक्ति है ?

(A) चतुर्थी
(C) तृतीया
(B) पंचमी
(D) द्वितीया

उत्तर- (C)

32. ‘बालिका मन्दं मन्दं गायति’, यहाँ ‘ मन्दं मन्दं’ क्या है?

(A) संज्ञा
(B) सर्वनाम
(C) क्रिया
(D) क्रिया विशेषण

उत्तर- (D)

33. सर्वकारः छात्रेभ्यः द्विचक्रिकां ददाति । यहाँ ‘ छात्रेभ्यः ‘ में कौन विभक्ति है?

(A) पंचमी
(C) तृतीया
(B) चतुर्थी
(D) द्वितीया

उत्तर- (B)

34. ‘अस्तं गते सूर्ये सः आगतः ‘ इस वाक्य में ‘अस्तं गते’ में कौन विभक्ति है?

(A) पंचमी
(B) द्वितीया
(C) सप्तमी
(D) प्रथमा

उत्तर- (C)

35. ‘क्रोशं कुटिला नदी’ में ‘क्रोश’ पद में कौन-सी विभक्ति है?

(A) तृतीया
(C) सप्तमी
(B) द्वितीया
(D) प्रथमा

उत्तर- (B)

36. ‘बिना ‘ के योग में कौन-सी विभक्ति होती है?

(A) द्वितीया
(C) चतुर्थी
(B) तृतीया
(D) षष्ठी

उत्तर- (A)

37. ‘सहार्थे तृतीया’ का उदाहरण क्या है?

(A) मासेन व्याकरणमधीते
(B) क्रोशं कुटिला नदी
(C) रामेण सह सीता गच्छति
(D) स: दण्डेन ताडयति ।

उत्तर- (C)

38. ‘मोहनः व्याघ्रात विभेति’ यह किस सूत्र का उदाहरण है?

(A) अपादाने पंचमी
(B) भीत्रार्थानां भयहेतुः
(C) आख्यातोपयोगे
(D) भावे सप्तमी

उत्तर- (B)

39. ‘मह्यम् मिष्ठानम् देहि’ इस वाक्य में ‘मह्यम्’ में कौन-सी विभक्ति है?

(A) प्रथमा
(B) चतुर्थी
(C) तृतीया
(D) पंचमी

उत्तर- (B)

40. ‘त्रिभिः वर्षेः अध्ययनं पूर्णम्’ इस वाक्य में ‘त्रिभिः’ में कौन-सी विभक्ति है?

(A) तृतीया
(C) पंचमी
(B) द्वितीया
(D) प्रथमा

उत्तर- (A)

41. ‘रामेण चंद्र : दृश्यते।’ इस वाक्य में कौन-सा सूत्र लगा है?

(A) कर्मणि द्वितीया
(B) कर्त्तरि प्रथमा
(C) उक्ते कर्मणि प्रथमा
(D) भावे सप्तमी

उत्तर- (C)

42. अनन्तरम् (बाद) के अर्थ में कौन विभक्ति होगी?

(A) तृतीया
(C) षष्ठी
(B) सप्तमी
(D) पंचमी

उत्तर- (D)

43. ‘बालकाः कन्दुकं क्रिडन्ति’, इस वाक्य में कन्दुकं में कौन विभक्ति है?

(A) प्रथमा
(C) तृतीया
(B) द्वितीया
(D) चतुर्थी

उत्तर- (B)

44. ‘आख्यातोपयोगे के योग में कौन सी विभक्ति होगी ?

(A) तृतीया
(B) पंचमी
(C) षष्ठी
(D) सप्तमी

उत्तर- (B)

45. ‘इत्थंभूतलक्षणे च ‘ सूत्र किस विभक्ति का सूत्र है ?

(A) प्रथमा
(B) तृतीया
(C) चतुर्थी
(D) पंचमी

उत्तर- (B)

46. ‘भूतलक्षणे’ में कौन-सी विभक्ति होती है ?

(A) तृतीया
(C) द्वितीया
(B) प्रथमा
(D) पंचमी

उत्तर- (A)

47. ‘पृथक’ के योग में कौन-सी विभक्ति होती है ?

(A) पंचमी
(C) तृतीया
(B) द्वितीया
(D) सप्तमी

उत्तर- (C)

48. हेतौ (कारण) के योग में कौन-सी विभक्ति होती है?

(A) पंचमी
(C) प्रथमा
(B) तृतीया
(D) (A) और (B)

उत्तर- (D)

49. ‘नमः’ (नमस्कार) के योग में कौन-सी विभक्ति होती है?

(A) पंचमी
(B) तृतीया
(C) द्वितीया
(D) चतुर्थी

उत्तर- (D)

50. ‘व्याघ्रात् विभेति’ किस सूत्र का उदाहरण है?

(A) अपादाने पंचमी
(B) भीत्रार्थानां भयहेतुः
(C) सम्बन्धे षष्ठी
(D) स्पृहेरीप्सितः

उत्तर- (B)