विविध क्रियाएं – Vividh Kriyaen

विविध क्रियाएं

क्रिया

प्रश्न- क्रिया किसे कहते हैं ? सोदाहरण स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर- जिस शब्द से किसी काम का करना या होना प्रकट हो, उसे क्रिया कहते हैं। जैसे – खाना, पीना, उठना बैठना, होना आदि ।
उदाहरण- (i) पक्षी आकाश में उड़ रहे हैं । (ii) महेश आँगन में घूमता है। (iii) सुरेश रात को दूध अवश्य पीता है। (iv) बर्फ पिघल रही है ।

उपर्युक्त वाक्यों में उड़ रहे हैं, घूमता है, पीता है, पिघल रही है— शब्दों से होने अथवा करने की प्रक्रिया का बोध होता है । अतः ये क्रिया- पद हैं ।

धातु

प्रश्न- धातु की परिभाषा देते हुए उसे उदाहरणों से स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर – क्रिया के मूल अंश को धातु कहते हैं । जैसे पढ़, लिख, सो, रो, हँस, खेल, देख आदि ।
पढ़ धातु से अनेक क्रिया-रूप बनते हैं । जैसे— पढूँगा, पढ़ता है, पढ़ा, पढ़ रहा होगा, पढ़े, पढ़ो, पढ़ना चाहिए, पढ़ा था, पढ़िए, पढ़ी थी आदि । परन्तु इन सबमें सामान्य रूप है—’पढ़’ । यही मूल धातु हैं ।
मूल धातु की पहचान – मूल धातु की पहचान का एक तरीका है— मूल धातु का प्रयोग ‘तू’ के साथ आज्ञार्थक क्रिया के रूप में होता है । जैसे – तू खा, तू पी, तू हँस, तू खेल आदि । इनमें खा, पी, हँस, खेल आदि मूल धातु हैं I
क्रिया के सामान्य – रूप धातु में ‘ना’ प्रत्यय लगाने से क्रिया के सामान्य रूप बन जाते हैं। जैसे—पढ़ + ना = पढ़ना; सो + ना = सोना; हँस + ना = हँसना; खेल+ ना = खेलना आदि ।

धातु के रूप

प्रश्न 1. धातु के भेदों पर सोदाहरण प्रकाश डालिए ।
उत्तर- धातु के भेद – धातु दो प्रकार के होते है – 1. मूल धातु और 2. यौगिक धातु ।
(i) मूल धातु- मूल धातु स्वतंत्र होता है । यह किसी दूसरे पर आश्रित नहीं होता; जैसे खा, देख, लिख आदि ।
(ii) यौगिक धातु — यौगिक धातु किसी प्रत्यय के योग किसी प्रत्यय के योग से बनता है । यह निम्नलिखित तीन प्रकार से बनता है-
(क) धातु में प्रत्यय लगाने से अकर्मक से सकर्मक और प्रेरणार्थक धातु बनते हैं; 
(ख) कई धातुओं को संयुक्त करने से संयुक्त धातु बनता है; 
(ग) संज्ञा या विशेषण से नामधातु बनता है ।
नोट – यौगिक धातु को व्युत्पन्न धातु भी कहते हैं ।

प्रश्न 2. प्रेरणार्थक क्रिया किसे कहते हैं ? उदाहरण सहित लिखिए ।
उत्तर– प्रेरणार्थक क्रिया (धातु) – जिस क्रिया से इस बात का बोध हो कि कर्त्ता स्वयं कार्य न कर किसी दूसरे को कार्य करने के लिए प्रेरित करता है, वह प्रेरणार्थक क्रिया कहलाती है। जैसे लिखना से लिखाना, करना से कराना । प्रेरणार्थक क्रिया के दो रूप चलते हैं। पहले में ‘ना’ और दूसरे में ‘वाना’ का प्रयोग
होता है: जैसे-

नामधातु संज्ञा — सर्वनाम और विशेषण शब्दों के बाद प्रत्यय लगाकर जो क्रियाएँ बनती हैं, उन्हें नामधातु क्रियाएँ कहते हैं ।

संज्ञा शब्दों से — शर्म से शर्माना, लालच से ललचाना, लाज से लजाना, टक्कर से टकराना, फिल्म से फिल्माना, चक्कर से चकराना, दुःख से दुखाना, हाथ से हथियाना, बात से बतियाना लात से लतियाना, फटकार से फटकारना आदि ।

विशेषण शब्दों से — गर्म से गर्माना, चिकना से चिकनाना, साठ से सठियाना, लंगड़ा से लंगड़ाना, दुहरा से दुहराना, मोटा से मुटाना आदि ।

‘सर्वनाम से — अपना से अपनाना ।

सम्मिश्र या मिश्रधातु — जिन संज्ञा, विशेषण और क्रिया-विशेषण शब्दों के बाद ‘करना’ या होना जैसे क्रिया-पदों के प्रयोग से नई क्रिया धातुएँ बनती हैं, उन्हें सम्मिश्र या मिश्रधातु कहते हैं। जैसे-
(i) करना या होना — दर्शन करना, काम करना, पीछा करना, प्यार करना, दर्शन होना, काम होना, पीछा होना, प्यार होना आदि ।
(ii) देना — उधर देना, धन देना, काम देना, कष्ट देना, दर्शन देना, धन्यवाद देना आदि ।
(iii) खाना — हवा खाना, मार खाना, धक्का खाना, रिश्वत खाना आदि ।
(iv) मारना – चक्कर मारना, गोता मारना, डींग मारना, झपट्टा मारना आदि ।
(v) लेना – काम लेना, जान लेना, खा लेना आदि ।

अनुकरणात्मक धातु — जो धातुएँ ध्वनि के अनुकरण पर बनाई जाती हैं, उन्हें अनुकरणात्मक धातु कहते हैं। जैसे—

हिनहिन – हिनहिनाना
टनटन – टनटनाना
भनभन – भनभनाना
झनझन – झनझनाना
खटखट – खटखटाना
थरथर – थरथराना आदि ।

खटकना, पटकना, चटकना आदि धातुएँ भी इसी कोटि के अन्तर्गत आती हैं ।

क्रिया के प्रकार

प्रश्न- क्रिया के कितने भेद होते हैं ? सोदाहरण स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर – कर्म के अनुसार या रचना की दृष्टि से क्रिया के दो भेद हैं- (i) सकर्मक और (ii) अकर्मक |

(i) सकर्मक क्रिया — जिस क्रिया के साथ कर्म रहता है अथवा उसके रहने की संभावना रहती है, उसे ‘सकर्मक क्रिया’ कहते हैं । सकर्मक क्रिया को करनेवाला कर्त्ता ही होता है, परन्तु उसके कार्य का फल कर्म पर पड़ता है ।
‘ राम पुस्तक पढ़ता है’- यहाँ ‘पढ़ना’ क्रिया सकर्मक है, क्योंकि उसका एक कर्म है । पुस्तक पढ़नेवाला ‘राम’ है, परन्तु उसकी क्रिया ‘पढ़ना’ का फल ‘पुस्तक’ पर पड़ता है । ‘वह पीता है’ यहाँ ‘पीना’ क्रिया सकर्मक है, क्योंकि उसके साथ किसी कर्म का प्रयोग न रहने पर भी कर्म की संभावना है। ‘पीता है’ के पहले कर्म के रूप में ‘जल’ या ‘दूध’ शब्द रखा जा सकता है ।

(ii) अकर्मक क्रिया – जिस क्रिया के साथ कर्म न रहे अर्थात् जिसकी क्रिया का फल कर्त्ता पर ही पड़े, उसे ‘अकर्मक क्रिया’ कहते हैं।
‘राम हँसता है’ इस वाक्य में ‘हँसना’ क्रिया अकर्मक है, क्योंकि यहाँ न तो हँसना का कार्ड कर्म है और न उसकी सम्भावना ही है। ‘हँसना’ क्रिया का फल भी ‘राम’ पर ही पड़ता है।

अकर्मक-सकर्मक के भेद

प्रश्न 1. अकर्मक क्रिया के भेद स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर- अकर्मक क्रिया तीन प्रकार की होती है-
(क) स्थित्यर्थक पूर्ण अकर्मक क्रिया — यह क्रिया बिना कर्म के पूर्ण अर्थ देती है और कर्ता की स्थिर दशा का बोध कराती है। जैसे
बच्चा सो रहा है । ( सोने की दशा )
राधा रो रही है । ( रोने की दशा )
परमात्मा है । ( अस्तित्व की दशा )

(ख) गत्यर्थक (पूर्ण) अकर्मक क्रियाएँ- ये क्रियाएँ भी अकर्मक होती हैं। इनमें कर्म की आवश्यकता नहीं पड़ती। ये पूर्ण अकर्मक होती हैं, क्योंकि इनमें किसी पूरक की आवश्यकता नहीं होती। इन क्रियाओं में कर्त्ता गतिशील रहता है। जैसे– उड़ना, घूमना, तैरना, उठना, गिरना, जाना, आना, दौड़ना आदि ।
उदाहरण- (i) रवि दिल्ली जा रहा है। (ii) लड़का सड़क पर दौड़ रहा है ।

(ग) अपूर्ण अकर्मक क्रिया – जिन क्रियाओं के प्रयोग के समय अर्थ की पूर्णता के लिए कर्त्ता से सम्बन्ध रखने वाले किसी शब्द- विशेषण की जरूरत पड़ती है, उन्हें अपूर्ण अकर्मक क्रियाएँ कहते हैं। ‘होना’ इस कोटि की सबसे प्रमुख क्रिया है। बनना, निकलना आदि इस प्रकार की अन्य क्रियाएँ हैं ।
यथा – मैं हूं ।
वह बहुत है ।
महात्मा गाँधी थे ।
उपर्युक्त अपूर्ण वाक्यों में पूरक के प्रयोग की आवश्यकता है।
यथा- मैं बीमार हूँ ।
वह बहुत तेज है ।
महात्मा गाँधी राष्ट्रपिता थे ।

यहाँ बीमार का सम्बन्ध वाक्य के कर्त्ता मैं से है ।
‘तेज’ का सम्बन्ध वाक्य के कर्त्ता वह से है ।
‘राष्ट्रपिता’ का सम्बन्ध वाक्य के कर्त्ता महात्मा गाँधी से है ।

प्रश्न 2. सकर्मक क्रिया के भेदों का परिचय दें ।
उत्तर- सकर्मक क्रिया के तीन भेद हैं-
(क) पूर्ण एककर्मक क्रियाएँ — यह वास्तव में सकर्मक क्रिया ही है । इसमें एक कर्म की आवश्यकता होती है। जैसे राम ने रावण को मारा ।
यहाँ ‘मारा’ क्रिया कर्म ( रावण को ) के बिना अधूरी है तथा इस कर्म के समावेश से अर्थ भी पूरा हो गया है ।
कुछ उदाहरण – सोहन पुस्तक पढ़ रहा है। राम आम खाएगा ।

(ख) पूर्ण द्विकर्मक क्रियाएँ — ऐसी क्रियाओं में दो कर्म होते हैं। जैसे-
गोपी ने गीता को पुस्तक दी ।
रमेश ने गोपाल को गाड़ी बेची।
प्रायः देना, लेना, बताना आदि प्रेरणार्थक क्रियाएँ इसी कोटि की हैं ।

(ग) अपूर्ण सकर्मक क्रियाएँ — ये वैसी क्रियाएँ हैं जिनमें कर्म होता है, फिर भी कर्म के किसी पूरक शब्द की आवश्यकता बनी रहती है अन्यथा अर्थ अपूर्ण हो जाता है। मानना, समझना, बनना, चुनना आदि ऐसी ही क्रियाएँ हैं । जैसे ‘मैं रमेश को मूर्ख समझता हूँ’, इस वाक्य में ‘रमेश को’ कर्म है, परन्तु कर्म अकेले अपूर्ण अर्थ देता है। अतः, ‘मूर्ख’ पूरक के आने पर अर्थ स्पष्ट हो जाता है । जैसे- जनता ने श्री प्रकाश को अपना प्रतिनिधि चुना ।

अकर्मक-सकर्मक में परिवर्तन ( अंतरण)

क्रियाओं का अकर्मक होना या सकर्मक होना प्रयोग पर निर्भर करता है, न कि उनके धातुरूप पर । यही कारण है कि कभी – कभी अकर्मक क्रियाएँ सकर्मक रूप में प्रयुक्त होती हैं और कभी सकर्मक क्रियाएँ अकर्मक रूप में प्रयुक्त होती हैं ।
जैसे-
पढ़ना (सकर्मक) — मोहन कितना पढ़ रहा है।
पढ़ना (अकर्मक) – श्याम आठवीं में पढ़ रहा है।
खेलना (सकर्मक) — बच्चे हॉकी खेलते हैं।
खेलना ( अकर्मक ) – बच्चे रोज खेलते हैं।
‘हँसना’, ‘लड़ना’ आदि कुछ अकर्मक क्रियाएँ सजातीय कर्म आने पर सकर्मक रूप में प्रयुक्त होती हैं। जैसे
शेरशाह ने अनेक लड़ाइयाँ लड़ीं ।
वह मस्तानी चाल चल रहा था ।
ऐंठना, खुजलाना आदि क्रियाओं के दोनों रूप मिलते हैं। जैसे-
धूप में रस्सी ऐंठती है। (अकर्मक)
नौकर रस्सी ऐंठ रहा है । (सकर्मक)

समापिका और असमापिका क्रियाएँ

प्रश्न- समापिका और असमापिका क्रियाएँ किन्हें कहते हैं ? स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर- समापिका क्रियाएँ वे होती हैं जो वाक्य को समाप्त करती हैं । ये प्रायः अन्त में रहती हैंI
उदाहरण-
(i) रीता खाना पका रही है ।
(ii) गोपाल बाग में टहल रहा है ।
(iii) गुरु का सम्मान करो ।
(iv) लड़का सड़क पर दौड़ता है।

असमापिका क्रियाएँ — वे क्रियाएँ जो वाक्य की समाप्ति नहीं करतीं, बल्कि अन्यत्र प्रयुक्त होती है। इन्हें क्रिया का कदन्ती रूप भी कहते हैं। जैसे-
(i) नदी में तैरती हुई नौका कितनी अच्छी लग रही है।
(ii) आलमारी पर पड़े गुलदस्ते को उठा लाओ ।

असमापिका क्रियाओं का विवेचन तीन दृष्टियों से किया जाता
(i) रचना की दृष्टि से
(ii) बने शब्द भेद की दृष्टि से
(iii) प्रयोग की दृष्टि से

(क) रचना की दृष्टि से — कृदंती रूपों या असमापिका क्रियाओं की रचना चार प्रकार के प्रत्ययों से होती है—
(i) अपूर्ण कृदंत – ता, ते, ती, जैसे बहता तिनका, बहते पत्ते, बहती नदी
(ii) पूर्ण कृदंत – आ, ई, ए, जैसे बैठा लड़का, बैठे लोग, बैठी लड़की
(iii) क्रियार्थक कृदंत – ना; जैसे लिखना है।
(iv) पूर्वकालिक कृदंत – कर, जैसे खाकर, नहाकर

(ख) शब्द – भेद की दृष्टि से — कृदंती शब्द या तो संज्ञा होते हैं या विशेषण और क्रिया-विशेषण, जैसे-
(i) संज्ञा — ना : दोपहर में खाना / पीना / सोना। ने : सीता आने वाली है।
(ii) विशेषण — ता //ती बहता पानी शुद्ध होता है। खिलती कलियों को मत तोड़ो-आ/ई/ए-
भागा हुआ चोर पकड़ा गया ।
सोयी हुई बच्ची अचानक उठ गयी ।
गिरे हुए फूल मत उठाओ ।
(iii) क्रिया – विशेषण — ते ही/ते ते/ कर/ए, ऐ
शेर गिरते ही मर गया ।
वह खाते-खाते मर गया ।
वह खाकर जाएगा ।
वह चलते-चलते थक गया ।

(ग) प्रयोग की दृष्टि से — इस दृष्टिकोण से कृदन्त निम्नलिखित छः प्रकारों के होते हैं-
(i) क्रियार्थक कृदंत – इनका प्रयोग भाववाचक संज्ञा के रूप में होता है ।
जैसे- लिखना, पढ़ना, खेलना आदि ।
उदाहरण – उसे नित्य टहलना चाहिए ।
छात्रों को पढ़ना चाहिए ।

(ii) कर्तृवाचक कृदंत — इस कृदंत से कर्तृवाचक संज्ञा बनती है ।
जैसे— धातु +ने+वाला/वाली+वाले |
भाग+ने+वाला=भागनेवाला ।
वाक्य- प्रयोग –लिखनेवाले से पूछो ।
जानेवालों को रोको ।

(iii) वर्तमानकालिक कृदंत – ये कृदन्त वर्तमान काल में हो रही किसी क्रियात्मक विशेषता का ज्ञान कराते हैं। ये विशेषण के रूप में प्रयुक्त होते हैं।
जैसे- बहता हुआ पानी ।
वाक्य-प्रयोग- बहता हुआ जल स्वच्छ होता है 1

(iv) भूतकालिक कृदंत — ये कृदंत भी विशेषण के रूप में प्रयुक्त होते हैं । परन्तु ये भूतकाल में सम्पन्न किसी क्रिया का बोध कराते हैं जैसे-
वाक्य-प्रयोग – पका हुआ फल मीठा होता है|

(v) तात्कालिक कृदंत — इन कृदंतों की समाप्ति पर तुरन्त मुख्य क्रिया सम्पन्न हो जाती है । इनका रूप ‘धातु + ते ही’ से निर्मित होता है। जैसे ‘आते ही’, ‘कहते ही’ आदि ।
वाक्य-प्रयोग – वे जाते ही कहने लगे ।

(vi) पूर्वकालिक कृदंत — मुख्य क्रिया से पूर्व की गई क्रिया का बोध ‘पूर्वकालिक कृदंत क्रिया’ से होता है। इसका निर्माण ‘धातु + कर’ से होता है।
जैसे- सो + कर, पढ़ + कर, लिख + कर आदि ।
वाक्य-प्रयोग — मोहन खाकर स्कूल गया ।

क्रिया की रूप-रचना

क्रिया शब्द विकारी होते हैं । उनमें लिंग, वचन और पुरुष के कारण परिवर्तन होते रहते हैं। इन परिवर्तनों को रूपावलियों द्वारा समझना अधिक सरल है । जैसे-

उपर्युक्त रूपावलियों से स्पष्ट है कि पुरुष – वचन अनुसारी परिवर्तनों में विशिष्ट प्रत्ययों के योग से क्रिया-पदों का निर्माण होता है । जैसे – ( पढ़ + ॐ = पढूँ) । लिंग – वचन अनुसारी परिवर्तनों में धातु + ता/ती/ते आदि प्रत्यय प्रयुक्त होते हैं । जैसे- पढ़ + आ = पढ़ा; पढ़ + ई = पढ़ी आदि । कृदंती प्रत्यय से बने रूपों के बाद सहायक क्रिया ‘होना’ के रूप आते हैं। जैसे जाता हूँ, जाता था, गया था, गया है आदि ।

विविध क्रियाएं Objective

1. जिस शब्द से किसी काम का करना या होना प्रकट हो, उसे कहते हैं-

(A) संज्ञा
(B) सर्वनाम
(C) क्रिया
(D) विशेषण

उत्तर- (C)

2. कर्म के अनुसार या रचना की दृष्टि से क्रिया के कितने भेद हैं ?

(A) दो
(B) तीन
(C) एक
(D) चार

उत्तर- (B)

3. निम्नांकित में अकर्मक क्रिया का उदाहरण कौन है ?

(A) पढ़ना
(B) लिखना
(C) हँसना
(D) कहना

उत्तर- (C)

4. निम्नांकित में ‘सकर्मक’ क्रिया का उदाहरण कौन-सा है ?

(A) जाना
(B) रोना
(C) चिल्लाना
(D) कहना

उत्तर- (D)

5. क्रिया के मूल अंश को कहते हैं-

(A) संज्ञा
(B) सर्वनाम
(C) धातु
(D) अव्यय

उत्तर- (C)

6. कौन-सी क्रिया अपूर्ण सकर्मक क्रिया है ?

(A) बनाना
(B) पढ़ना
(C) कहना
(D) सुनना

उत्तर- (A)

7. निम्नांकित में ‘अकर्मक’ क्रिया का उदाहरण कौन-सा है ?

(A) पढ़ना
(B) लिखना
(C) सोना
(D) समझना

उत्तर- (C)

8. ‘अनमोल ने साँप को मार दिया।’ इस वाक्य में किस क्रिया का प्रयोग हुआ है ?

(A) अकर्मक
(B) सकर्मक
(C) द्विकर्मक
(D) प्रेरणार्थक

उत्तर- (B)

9. किस वाक्य में संयुक्त क्रिया का प्रयोग हुआ है ?

(A) मैं पढ़ लिया करता हूँ
(B) गोपेश्वर कल पत्र का जवाब देगा
(D) वह प्रतिदिन पढ़ता है
(C) दीदी आज आएगी

उत्तर- (A)

10. जो धातुएँ ध्वनि के अनुकरण पर बनाई जाती हैं, उन्हें कहते हैं-

(A) प्रेरणार्थक क्रिया
(C) मिश्र धातु
(B) अनुकरणात्मक धातु
(D) सकर्मक क्रिया

उत्तर- (B)

11. सकर्मक क्रिया को करनेवाला कौन होता है ?

(A) कर्ता
(B) कर्म
(C) (A) और (B) दोनों
(D) इनमें से कोई नहीं

उत्तर – (A)

12. सकर्मक क्रिया में कार्य का फल किसपर पड़ता है ?

(A) कर्ता
(B) कर्म
(C) (A) और (B) दोनों
(D) इनमें से कोई नहीं

उत्तर- (B)

13. द्विकर्मक क्रिया का प्रयोग किस वाक्य में हुआ है ?

(A) मामा ने मुझे पुस्तक दी
(B) दादी ने कहानी सुनाई
(C) श्वेता पढ़ने गई
(D) विजय सो गया

उत्तर- (A)

14. ‘मैंने पूरी किताब पढ़ ली है।’ इस वाक्य में ‘ली है’ कैसी क्रिया है ?

(A) द्विकर्मक क्रिया
(C) सहायक क्रिया
(B) संयुक्त क्रिया
(D) प्रधान क्रिया

उत्तर- (B)

15. निम्न में ‘स्थित्यर्थक पूर्ण अकर्मक क्रिया’ का उदाहरण कौन-सा है ?

(A) शीला पढ़ रही है
(B) वह अपना सिर खुजला रहा है
(C) सुमन सो रही है
(D) राजू लिख रहा है

उत्तर- (C)

16. किस वाक्य में सकर्मक क्रिया का प्रयोग हुआ है ?

(A) विभा ने चिट्ठी पढ़ी
(B) सुषमा रोने लगी
(C) घोड़ा दौड़ता है
(D) निशांत सो गया

उत्तर- (A)

17. किस वाक्य में पूर्वकालिक क्रिया का प्रयोग हुआ है ?

(A) शशि ने रोकर कहा
(C) वह खाकर सोने गया ।
(B) अर्चना मुँह फुलाकर बैठी है
(D) शिशु दूध पीते-पीते सो गया

उत्तर- (C)

18. निम्नलिखित में ‘गत्यर्थक पूर्ण अकर्मक क्रिया’ का उदाहरण कौन-सा है ?

(A) गुंजन सुबह पढ़ता है
(B) सूर्य पूर्व दिशा में उगता है
(C) दीनू रात में लिखता है
(D) माँ कहानी सुनाती है

उत्तर- (B)

19. निम्नांकित में ‘पूर्ण एककर्मक क्रिया’ कौन-सी है ?

(A) वह चिल्लाती है
(B) लक्ष्मी उठती है
(C) कुसुम हँसती है
(D) कुत्ते ने बकरी को काटा

उत्तर- (D)

20. किस वाक्य में ‘पूर्वकालिक क्रिया’ का प्रयोग हुआ है ?

(A) वह कल पढ़ने आया था
(B) मैं पढ़कर पुस्तक सुरक्षित रख देता हूँ
(C) माँ आज दिल्ली जाएगी
(D) पिताजी की चिट्ठी आई है

उत्तर – (B)

21. ‘माँ ने मेरी चिट्ठी पढ़वाई।’ इस वाक्य में ‘पढ़वाई’ कैसी क्रिया है ?

(A) संयुक्त क्रिया
(C) सहायक क्रिया
(B) रंजक क्रिया
(D) प्रेरणार्थक क्रिया

उत्तर- (D)

22. किस वाक्य में सहायक क्रिया का प्रयोग हुआ है ?

(A) उसने बाघ मार डाला
(B) मैंने गीत सुनाया
(C) माँ ने कहानी सुनाई
(D) मेरी दीदी ने मुझे पुस्तक दी

उत्तर – (A)

23. ‘मैंने रुपये दिलवाए।’ इस वाक्य में ‘दिलवाए’ कैसी क्रिया है ?
(A) संयुक्त क्रिया
(B) प्रेरणार्थक क्रिया
(C) पूर्वकालिक क्रिया
(D) द्विकर्मक क्रिया

उत्तर- (B)

24. मैंने स्नान कर खाना खाया। यहाँ रेखांकित क्रिया का भेद बताएँ-

(A) नामबोधक क्रिया
(B) सकर्मक क्रिया
(C) संयुक्त क्रिया
(D) पूर्वकालिक क्रिया

उत्तर- (D)

25. श्रेया नहीं सोती । यहाँ रेखांकित क्रिया का भेद बताएँ-

(A) नामबोधक क्रिया
(B) सकर्मक क्रिया
(C) अकर्मक क्रिया
(D) प्रेरणार्थक क्रिया

उत्तर- (C)

26. दिवाकर कहानी पढ़ रहा है । यहाँ रेखांकित क्रिया का भेद बताएँ-

(A) नामबोधक क्रिया
(B) सकर्मक क्रिया
(C) संयुक्त क्रिया
(D) प्रेरणार्थक क्रिया

उत्तर – (B)

27. पिताजी ने मुझे एक सुंदर-सी कलम दी । रेखांकित क्रिया का भेद बताएँ-

(A) नामबोधक क्रिया
(C) संयुक्त क्रिया
(B) एककर्मक क्रिया
(D) द्विकर्मक क्रिया

उत्तर- (D)

28. सुरेश ने मुझे मारा । यहाँ रेखांकित क्रिया का भेद बताएँ-

(A) नामबोधक क्रिया
(B) एककर्मक क्रिया
(C) संयुक्त क्रिया
(D) द्विकर्मक क्रिया

उत्तर- (B)

29. वह मेरे घर आया है। यहाँ रेखांकित क्रिया का भेद बताएँ-

(A) सहायक क्रिया
(B) एककर्मक क्रिया
(C) संयुक्त क्रिया
(D) द्विकर्मक क्रिया

उत्तर- (A)

30. मैं पुस्तक पढ़ चुका हूँ। यहाँ रेखांकित क्रिया का भेद बताएँ-

(A) सहायक क्रिया
(B) एककर्मक क्रिया
(C) सहकारी क्रिया
(D) द्विकर्मक क्रिया

उत्तर- (C)

31. नागेश ने उसका घर हथिया लिया । यहाँ रेखांकित क्रिया का भेद बताएँ-

(A) नामबोधक क्रिया
(C) संयुक्त क्रिया
(B) सकर्मक क्रिया
(D) प्रेरणार्थक

उत्तर- (A)

32. शोर के चलते जिया उठ बैठी। यहाँ रेखांकित क्रिया का भेद बताएँ-

(A) रंजक क्रिया
(C) अकर्मक क्रिया
(B) सकर्मक क्रिया
(D) प्रेरणार्थक

उत्तर- (C)

33. ‘ मैंने मना कर दिया।’ इस वाक्य में ‘मना कर दिया’ किस क्रिया का उदाहरण है ?

(A) प्रेरणार्थक क्रिया
(C) पूर्वकालिक क्रिया
(B) संयुक्त क्रिया
(D) द्विकर्मक क्रिया

उत्तर-(B)

34. जिस क्रिया के साथ कर्म रहता है अथवा उसके रहने की संभावना रहती है, उसे कहते हैं-

(A) प्रेरणार्थक क्रिया
(B) अकर्मक क्रिया
(C) मिश्र धातु
(D) सकर्मक क्रिया

उत्तर- (D)

35. जिस क्रिया के साथ कर्म न रहे, अर्थात् जिसकी क्रिया का फल कर्त्ता पर ही पड़े, उसे कहते हैं-

(A) प्रेरणार्थक क्रिया
(C) मिश्र धातु
(B) अकर्मक क्रिया
(D) सकर्मक क्रिया

उत्तर-(B)

36. ‘ डाल पर चहचहाती हुई चिड़िया कितनी सुन्दर है ?’ इस वाक्य में ‘चहचहाती हुई’ कैसी क्रिया है ?

(A) समापिका क्रिया
(C) पूर्वकालिक क्रिया
(B) सकर्मक क्रिया
(D) असमापिका क्रिया

उत्तर- (D)

37. जिस क्रिया से इस बात का बोध हो कि कर्त्ता स्वयं कार्य न कर किसी दूसरे को कार्य करने के लिए प्रेरित करता है, वह कहलाती है-

(A) प्रेरणार्थक क्रिया
(B) अकर्मक क्रिया
(C) धातु
(D) सकर्मक क्रिया

उत्तर- (A)

38. जिन संज्ञा, विशेषण और क्रिया-विशेषण शब्दों के बाद ‘करना’ या होना जैसे क्रिया-पदों के प्रयोग से नई क्रिया धातुएँ बनती हैं, उसे कहते हैं-

(A) प्रेरणार्थक क्रिया
(C) मिश्र धातु
(B) अकर्मक क्रिया
(D) सकर्मक क्रिया

उत्तर-(C)

39. मजदूर मास्टर साहब से पत्र पढ़वाता है। यहाँ रेखांकित क्रिया का भेद बताएँ-

(A) नामबोधक क्रिया
(B) सकर्मक क्रिया
(C) अकर्मक क्रिया
(D) प्रेरणार्थक क्रिया

उत्तर–(D)

40. मिल-जुलकर विवाद का निपटारा कर लेना चाहिए । यहाँ रेखांकित क्रिया का भेद बताएँ-

(A) पुनरुक्त क्रिया
(B) सकर्मक क्रिया
(C) अकर्मक क्रिया
(D) प्रेरणार्थक

उत्तर- (A)