आधुनिक नारी – Aadhunik Nari

भूमिका – आधुनिक नारी बदलती हुई दुनिया में बदलाव की एक मिसाल है। प्राचीन काल में गौरवपूर्ण नारी, मध्यकालीन काल में अबला हो गई मगर आधुनिक नारी सबला है। वर्तमान चुनौतियों में संघर्षशीला है। आधुनिक नारी जुझ रही है – स्मिता के लिए। बढ़ रही है – समानता की ओर और वह भी प्रगति के रथ पर ।

नारी के संदर्भ में आधुनिकता — आज की नारी बदलाव के दौर में है। वह पुरूषों से कदम से कदम मिलाकर चल रही है। वह सम्मान की खोज में बदलाव की हिमायती है। उसका सांस्कृतिक, राजनीति व आर्थिक स्थिति बदलाव के दौर में। वह समाज के हर क्षेत्र में प्रयत्नशील है। पहनावे से लेकर खान-पान तक वह बदलाव में है।

आधुनिक नारी के रूप- आधुनिक नारी पुरानी परम्पराओं, पुराने रीति-रिवाजों से हटकर आधुनिकता के दौर में बढ़-चढ़कर भाग ले रही है कहीं-कहीं तो पुरुषों से भी आगे हैं।

आधुनिकता की सीमा — यदा-कदा आधुनिक नारियाँ आधुनिकता की सीमाएँ भी पार कर रही हैं। उन्हें सीमा के अन्दर ही रहना चाहिए ताकि वे गौरव के हकदार हों, वे पूजनीया हों। कहा गया है – यत्र नार्यस्तु पूजयन्ते, रमन्ति तत्र देवताः । अर्थात् जहाँ नारियों की पूजा होती है वहाँ देवता निवास करते हैं। नारी को पूजनीया होने के लिए उन्हें आधुनिकता की सीमा में ही रहनी चाहिए ।

उपसंहार – आधुनिक नारी मान-सम्मान की खोज में विकास के पथ पर अग्रसर है। घर की दहलीज को लाँघकर नौकरी करने को अग्रसर है। क्रियाशीला है ताकि उसका और देश का विकास हो । आधुनिकता की सीमा के अंदर ही उन्हें पहनावा एवं रीति रिवाज का ख्याल रखना चाहिए।