Class 10th Sanskrit Subjective (संस्कृत) बिहार बोर्ड कक्षा 10 संस्कृत अध्याय 2 का अब्जेक्टिव प्रश्न पीडीएफ़ Bihar Board (Matric मैट्रिक) vvi Subjective in Hindi pdf
पाटलिपुत्रवैभवम्
1. ‘पाटलिपुत्र वैभवम्’ पाठ के आधार पर यहाँ स्थित दर्शनीय स्थलों पर प्रकाश डालें।
उत्तर – पाटलिपुत्र, कुसुमपुर अथवा पुष्पपुर पटना का ही प्राचीन नाम है। प्राचीन काल से ही यह शिक्षा का केन्द्र रहा है। यहाँ संग्रहालय, तारामंडल, उच्च न्यायालय, जैविक उद्यान, गोलघर, पटनदेवी, गुरुद्वारा, महावीर मन्दिर आदि दर्शनीय स्थान हैं। मेगास्थनीज ने अपने संस्मरण में इसके गौरवशाली इतिहास का वर्णन किया है।
2. महात्मा बुद्ध के अनुसार वैर की शांति कैसे संभव है?
उत्तर — महात्मा बुद्ध के अनुसार बैर से बैर का कभी नाश नहीं होता बिना बैर के मित्रता करना दया से शांति मिलती है। ऐसा सभी लोग मानते हैं।
3. ‘दामोदरगुप्त’ ने पटना के बारे में क्या कहा है?
उत्तर – दामोदरगुप्त ने अपने काव्य कुट्टनीम् काव्य में लिखा है कि पाटलिपुत्र का स्थान शिक्षा के क्षेत्र में अद्वितीय था । यहाँ आर्यभट्ट जैसे खगोलशास्त्री, चाणक्य जैसे अर्थशास्त्री का जन्मभूमि और कर्मभूमि इसी धरती की उपज है। अशोक जैसा शासक जिन्होंने अहिंसा के सिद्धांत से विश्व को अपनी ओर आकृष्ट किया। यह नगर गंगा के तट पर अवस्थित है।
4. कौन-कौन से विदेशी यात्री पटना आये थे?
उत्तर – पटना आने वाले विदेशी यात्री थे— मेगास्थनीज, फाह्यान, हवेनसांग, इत्सिंग इत्यादि ।
5. पटना का नाम पाटिलपुत्र कैसे पड़ा ?
उत्तर – बुद्धकाल में गंगा के किनारे पाटलिग्राम था। एक बार भगवान् बुद्ध उस गाँव में आये थे और उन्होंने कहा था कि यह गाँव भविष्य में महानगर होगा परंतु इसे युद्ध, आग तथा बाढ़ का भय रहेगा। कालान्तर में यही गाँव पाटलिपुत्र कहलाया ।
6. प्राचीनकाल में पाटलिपुत्र की ख्याति किस रूप में थी ?
उत्तर – प्राचीन संस्कृत ग्रंथों में इसका नाम कुसुमपुर या पुष्पपुर कहा जाता था । पाटलिपुत्र के निकट पाटल पुष्पों का उत्पादन अधिक होता था। इसी कारण से पाटलिपुत्र शब्द प्रचलित हुआ। यहाँ शरत्काल में कौमुदी महोत्सव मनाया जाता था। यह दुर्गापूजा के अवसर पर दिखाई पड़ता था। कवि राजशेखर ने अपनी रचना काव्यमीमांसा में लिखें हैं कि यहाँ बड़े-बड़े कवि, वैयाकरण – भाष्यकार परीक्षित हुए।
7. ‘पाटलिपुत्र वैभवम्’ पाठ के आधार पर पटना की विशेषता बताएँ ।
उत्तर – बिहार राज्य की राजधानी पाटलिपुत्र एक प्राचीन नगर है। इसका इतिहास 2500 वर्ष पुराना है। यह राजनीतिक क्षेत्र, उद्योग क्षेत्र एवं धार्मिक क्षेत्र के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ मेगास्थनीज, फाह्यान ह्वेनसांग आदि विद्वान् का आगमन हुआ था। इसका प्राचीन नाम पाटलिग्राम था जहाँ भगवान् बुद्ध आये थे। इस प्रकार यह नगर सदा अपने स्वर्णिम वैभव के लिए प्रसिद्ध रहा है।
8. पाटलिपुत्र को शिक्षा का केन्द्र क्यों कहा गया है?
उत्तर – प्रस्तुत पाठ के अनुसार दामोदर गुप्त नामक कवि का कथन है कि यहाँ सरस्वती के वंशज रहते थे। राजशेखर ने काव्यमीमांसा काव्य में लिखा है कि पाणिनी, पिङ्गल, वररुचि आदि महान विद्वानों की परीक्षा यहाँ ली जाती थी। उन विद्वानों ने ख्याति भी यहाँ प्राप्त की थी। इससे ज्ञात होता है कि पाटलिपुत्र शिक्षा का महान केन्द्र था।
9. चन्द्रगुप्त और अशोक के समय में पाटलिपुत्र की व्यवस्था कैसी थी ?
उत्तर – चन्द्रगुप्त मौर्य के समय इस नगर की शोभा और रक्षा-व्यवस्था अत्यंत ही उत्तम थी। प्रियदर्शी अशोक के समय में यह नगर अधिक समृद्ध था।
10. ‘पाटलिपुत्र वैभवम्’ पाठ के आधार पर पटना के वैभव का वर्णन पाँच वाक्यों में करें।
उत्तर – प्राचीनकाल से ही अपनी वैभव के लिए प्रसिद्ध रहा है। इसका इतिहास लगभग 2500 वर्षों का है। प्राचीन काल में इसका नाम पुष्पपुर अथवा कुसुमपुर था। भगवान बुद्ध यहाँ अनेकों बार आये। चंद्रगुप्त मौर्य के शासन काल में यहाँ की शोभा और रक्षा व्यवस्था उत्कृष्ट थी। अशोक के शासनकाल में यह नगर समृद्ध था। विदेशी यात्री मेगास्थनीज, फाहयान आदि यहाँ आये थे। उन्होंने अपने आत्मकथा में इस नगर का वर्णन किये थे । यहाँ धार्मिक, औद्योगिक तथा सांस्कृतिक क्षेत्रों के अनेक स्थल दर्शनीय हैं। वर्त्तमान में यह ‘पटना’ नाम से जाना जाता है, जो बिहार राज्य की राजधानी है। इस प्रकार पाटलिपुत्र प्राचीनकाल से आज तक विभिन्न क्षेत्रों में अपना एक स्थान रखता है। इसका संकलित रूप संग्रहालय में देखने योग्य है।
11. सिख सम्प्रदाय के लोगों के लिए पटना क्यों महत्त्वपूर्ण है?
उत्तर — सिख सम्प्रदाय के दशवें गुरु गोविन्द सिंह का जन्म पटना में हुआ था। उन्हीं के जन्म स्थल पर पटनासिटी में भव्य गुरुद्वारा बना हुआ है। यहाँ देश विदेश के सिख धर्मावलम्बी इस पुण्य भूमि के दर्शन के लिए आते हैं। इसलिए सिख सम्प्रदाय के लोगों के लिए पटना महत्त्वपूर्ण है।
12. पाटलिग्राम के संबंध में भगवान् बुद्ध ने क्या कहा था?
उत्तर – भगवान बुद्ध ने पाटलिग्राम के संबंध में कहा था कि यह गाँव महानगर होगा किन्तु आपसी झगड़ा, आगलगी और बाढ़ के भय से सदैव पीड़ित होगा ।
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