समाचार – पत्र ज्ञान का सशक्त साधन – Samachar Patra Gyan ka Sashakt Sadhan

समाचार-पत्र की आवश्यकता — इन दिनों समाचार पत्र जीवन की आवश्यकता बन गया है। यह बाजार में लगभग सभी भाषाओं में उपलब्ध होता है। ‘समाचार पत्र प्रजातंत्र के प्रहरी हैं।’ इसके माध्यम से हमें देश-विदेश ही नहीं अपने राज्य और अपने नगर की भी छोटी-बड़ी खबरों की जानकारी मिल जाती है।

विश्व भर से जोड़ने का साधन – विश्व – भर से समाचार पत्र हमें जोड़ने का काम करता है। अलग-अलग देश अपना अलग समाचार संगठन रखते हैं। समाचार पत्र हमें समाज में (देश-विदेश के ) घट रही सभी महत्वपूर्ण घटनाओं से तो अवगत कराते ही हैं साथ ही यह हमें खेल, धर्म, अर्थव्यवस्था, फिल्म, उद्योग, रोजगार, भोजन आदि विविध क्षेत्रों के बारे में सटीक जानकारी देकर हमारा ज्ञानवर्द्धन करता है।

लोकतंत्र का प्रहरी — ‘लोकतंत्र का प्रहरी’ के रूप में भी समाचार पत्र का महत्त्व सर्वोपरी है। इसके माध्यम से हमें राजनीति की सभी महत्वपूर्ण गतिविधियों की जानकारी हो जाती है। समाचार पत्र जनमत बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

ज्ञान-वृद्धि का साधन — आधुनिक तकनीकी संसार में जहाँ सब कुछ उच्च तकनीकियों पर निर्भर करता है, समाचार और खबरें कम्प्यूटर और इंटरनेट पर भी उपलब्ध हैं। किसी भी सामाजिक मुद्दे के बारे में सामान्य जनता में जागरूकता बढ़ाने के लिए समाचार पत्र सबसे अच्छा साधन सिद्ध होता है। समाचार-पत्र ज्ञान – वृद्धि का सशक्त साधन है।

उपसंहार— समाचार पत्र की इतनी सारी उपयोगिताएँ हैं जिसका बखान करना कुछ शब्दों में संभव नहीं है। वस्तुतः यह हम सबका जरूरी और उपयोगी ज्ञानवर्द्धन का माध्यम है, साधन है।