समय की महत्ता – Samay ki Mahtta

भूमिका – समय जीवन की गति होता है। सृष्टि की सभी घटनाएँ तथा सभी बातें समय से बँधी होती हैं। समय को काल, क्षण, पल, युग, वर्ष, घंटा, मिनट आदि…

0 Comments

विश्व मंदी में मुस्कुराता भारत – Vishva Mandi mein Muskurata Bharat

प्रस्तावना – भारतवर्ष 1948 में मानवाधिकार पर वैश्विक घोषणा - पत्र और 1966 के आर्थिक, सामाजिक और सांसारिक अधिकारों की अंतर्राष्ट्रीय संधि पर हस्ताक्षर करने वाला देश है। यह अन्तर्राष्ट्रीय…

0 Comments

राजनीति और भ्रष्टाचार – Rajnitik aur Bhrashtachar

प्राचीन स्वरूप -- राज्य और व्यवस्था चलाने के लिए कुछ नीतियों की आवश्यकता होती है जिसे राजनीति कहा जाता है। राजनीति के लिए शिष्टाचार की आवश्यकता होती है। प्राचीन काल…

0 Comments

बिजली की आवश्यकता – Bijali ki Avashyakta

भूमिका – बहुचर्चित औद्योगिक क्रांति के बाद उद्योगों का चक्का तीव्र गति से घूमने लगा। इस क्रांति ने उद्योगों के यंत्रीकरण को अत्यधिक बढ़ावा दिया। क्रमिक रूप से वाष्प-शक्ति और…

0 Comments

युवा पीढ़ी और नशीला पदार्थ – Yuva Pidhi aur Nashila Padarth

भूमिका – अनादि काल से नशीले पदार्थ का सेवन किया जाता रहा है। कहते कि देवता भी सोमरस पिया करते थे। लेकिन आज की युवा पीढ़ी यह समझने के लिए…

0 Comments

बिहार में बाढ़ – Bihar mein Badh

भूमिका – यह विडंबना ही है कि अपने राज्य बिहार को अभी भी बाढ़ से छुटकारा नहीं मिला है। 'बाढ़' का अर्थ है बढ़ना, वृद्धि । यों तो किसी भी…

0 Comments

बढ़ती महंगाई – Badhati Mahangai

भूमिका / महँगाई की मार -- वर्तमान समय में निम्न-मध्य वर्ग महँगाई की समस्या से त्रस्त है। यह महँगाई रुकने का नाम ही नहीं लेती, यह तो सुरसा की तरह…

0 Comments

स्वच्छता – Swachhata

भूमिका -- स्वच्छता में भगवान का निवास होता है और सृष्टि की सभी रचनाएँ भगवान के स्वरूप हैं। जहाँ स्वच्छता नहीं होती वहाँ विनाश, दुर्गंध तथा दुर्घटनाएँ अपना प्रभाव फैलाती…

0 Comments

बेरोजगारी : समस्या और समाधान – Berojgari Samasya aur Samadhan

बेरोजगारी का अभिप्राय -- बेरोजगारी का अर्थ है - " योग्यता के अनुसार काम का न होना ।" भारत में मुख्यतया तीन प्रकार के बेरोजगार हैं । एक वे, जिनके…

0 Comments

आतंकवाद – Aatankwad

भूमिका/ आतंकवाद क्या है? -- सामाजिक एवं आर्थिक विषमता के कारण आतंकवाद की उत्पत्ति होती है। आतंकवाद के कारण लोग सभी जगह स्वतंत्र रूप से नहीं निवास नहीं कर पाते…

0 Comments