Class 10th Aapda Prabandhan Objective Chapter 3- भूकंप एवं सुनामी
1. 26 दिसंबर, 2004 को विश्व के किस हिस्से में भयंकर सुनामी आया था?
(A) पश्चिम एशिया
(B) प्रशांत महासागर
(C) अटलांटिक महासागर
(D) बंगाल की खाड़ी
उत्तर-(D)
2. सुनामी किस स्थान पर आता है?
(A) स्थल
(B) समुद्र
(C) आसमान
(D) कोई नहीं
उत्तर (B)
3. भारत में अत्यन्त विनाशकारी भूकम्प कब आया था?
(A) 1934 में
(B) 1948 में
(C) 1967 में
(D) 1990 में
उत्तर (A)
4. भूकम्प केन्द्र के उर्ध्वाधर पृथ्वी पर स्थित केन्द्र को क्या कहा जाता है?
(A) भूकम्प केन्द्र
(B) अधि केन्द्र
(C) अनु केन्द्र
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर-(B)
5. महासागर के तली पर होनेवाले कंपन को किस नाम से जाना जाता है?
(A) भूकंप
(B) चक्रवात
(C) सुनामी
(D) कोई नहीं
उत्तर-(C)
6.भूपटल के नीचे का वह स्थल जहाँ भूकम्प का जन्म होता है, क्या कहा जाता है?
(A) भूकम्प केन्द्र
(B) अधिकेन्द्र
(C) अनुकेन्द्र
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर-(B)
7. निम्नलिखित में से सुनामी का मुख्य कारण क्या है?
(A) समुद्री भूकंप
(B) ज्वार-भाटा
(C) समुद्री जल का बढ़ना
(D) जहाजों का आवागमन
उत्तर-(A)
8. भूकम्प से पृथ्वी की सतह पर पहुँचनेवाली सबसे पहली तरंग को किस नाम से जाना जाता है?
(A) P-तरंग
(B) S-तरंग
(C) L-तरंग
(D) T-तरंग
उत्तर-(A)
9. भारत को कितने भूकम्पीय क्षेत्र में बाँटा गया है?
(A) 4
(B) 3
(C) 5
(D) 7
उत्तर-(C)
10. इनमें से कौन-सा भूकम्पीय तरंग नहीं है?
(A) P
(B) L
(C) S
(D) 0
उत्तर-(D)
11. सबसे खतरनाक तरंग कौन है?
(A) P
(B) S
(C) L
(D) P
उत्तर-(C)
12. भूकम्प तथा सुनामी से बचाव का इनमें से कौन-सा तरीका सही नहीं है?
(A) भूकंप के पूर्वानुमान को गंभीरता से लेना
(B) भूकंप निरोधी भवनों का निर्माण करना
(C) गैर-सरकारी संगठनों द्वारा राहत कार्य हेतु तैयार रहना
(D) भगवान भरोसे बैठे रहना
उत्तर-(B)
13. सामान्य संचार-व्यवस्था के बाधित होने का मुख्य कारण है ?
(A) केबुल का टूट जाना
(B) टॉवरों की ऊँचाई में कमी
(C) संचार टॉवरों की दूरी
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर- (A)
14. सुनामीटर द्वारा समुद्र तल में क्या नापते हैं ?
(A) बाढ़
(B) सूखा
(C) चक्रवात
(D) सुनामी
उत्तर- (D)
15. बस्ती/मकान में आग लगने की स्थिति में क्या करना चाहिए ?
(A) दरवाजे-खिड़कियाँ लगाना
(B) आग बुझने तक इंतजार करना ।
(C) अग्निशामक को बुलाना
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर- (C)
16. बाढ़ के समय निम्नलिखित में से किस स्थान पर जाना चाहिए ?
(A) गाँव के बाहर
(B) ऊँची भूमि वाले स्थान पर
(C) जहाँ हैं उसी स्थान पर
(D) खेतों में
उत्तर- (B)
17. मलवे के नीचे दब हुए लोगों को पता लगाने के लिए किस यंत्र की मदद ली जाती है ?
(A) दूरबीन
(B) इंफ्रारेड कैमरा
(C) हेलीकॉप्टर
(D) टेलीस्कोप
उत्तर- (B)
18. इनमें से कौन-सा प्राकृतिक आपदा नहीं है ?
(A) बाढ़
(B) सूखा
(C) भूकंप
(D) आतंकवाद
उत्तर- (D)
19. भारत में कितने प्रतिशत भूमि भूकंप-प्रभावित हैं ?
(A) 16%
(B) 56%
(C) 80%
(D) 24%
उत्तर- (B)
20. भूकम्प सम्भावित क्षेत्रों में भवनों की आकृतिक कैसी होनी चाहिए ?
(A) अंडाकार
(B) त्रिभुजाकार
(C) चौकोर
(D) आयताकार
उत्तर- (D)
21. सुनामी प्रभावित क्षेत्र में मकानों का निर्माण कहाँ करना चाहिए ?
(A) समुद्र तट के निकट
(B) समुद्र तट से दूर ऊँचाई पर
(C) समुद्र तट से दूर
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर- (B)
22. 2 दिसंबर, 2004 को विश्व के किस हिस्से में भयंकर सुनामी आया था?
(A) पश्चिम एशिया
(B) प्रशांत महासागर
(C) अटलांटिक महासागर
(D) बंगाल की खाड़ी
उत्तर- (D)
23. आग से जलने की स्थिति में जले हए स्थान पर क्या प्राथमिक उपचार करना चाहिए ?
(A) ठंडा पानी डालना
(B) गर्म पानी डालना
(C) अस्पताल पहुँचाना
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर- (A)
24. संचार का सबसे लोकप्रिय साधन है ?
(A) सार्वजनिक टेलीफोन
(B) मोबाईल
(C) वाकी-टॉकी
(D) रेडियो
उत्तर- (A)
25. वैकल्पिक संचार-साधन इनमें से कौन नहीं है ?
(A) रेडियो संचार
(B) हैम रेडियो
(C) उपग्रह संचार
(D) अंतरिक्ष
उत्तर- (D)
26. सुदूर संवेदी उपग्रह (रिमोट सेंसिंग उपग्रह) का प्रयोग किसलिए होता है ?
(A) दूर संचार के लिए
(B) संसाधनों की खोज के लिए
(C) मौसम विज्ञान के लिए
(D) सभी के लिए
उत्तर- (D)
27. वर्तमान में सबसे अधिक उपयोग देनेवाला साधन कौन-सा है ?
(A) टेलीफोन
(B) पेंजर
(C) मोबाइल
(D) वाकी-टॉकी
उत्तर- (C)
28. रिंग बाँध किसके लिए उपयोगी होता है ?
(A) सूखा
(B) चक्रवात
(C) बाढ़
(D) सुनामी
उत्तर- (C)
लघु उत्तरीय प्रश्न
1. भूकंप के केंद्र एवं अधिकेन्द्र के बीच अंतर स्पष्ट कीजिए।
भूपटल के नीचे का वह स्थल, जहाँ भूकंपीय कंपन प्रारंभ होता है, भूकंप का केन्द्र कहते हैं। भूपटल पर वे केन्द्र, जहाँ भूकंप के तरंग का सर्वप्रथम अनुभव किया जाता है, उसे भूकंप का अधिकेन्द्र कहते हैं।
2. भूकंपीय तरंगों से आप क्या समझते हैं? प्रमुख भूकंपीय तरंगों के नाम लिखिए।
जब पृथ्वी के अन्दर आंतरिक तरंगों के कारण भूपटल कम्पन करने लगता है, तो वैसी स्थिति को भूकंप कहते हैं। भूकंप के समय उठने वाले कंपन को भूकंपीय तरंग कहते हैं। इसे 3 प्रकारों में वर्गीकृत किया गया है:-
- प्राथमिक तरंग- इसे ‘P’ तरंग भी कहते है।
- द्वितीय तरंग- इसे ‘S’ तरंग भी कहते है।
- दीर्घ तरंग- इसे ‘L’ तरंग भी कहते है।
P तरंग-
- यह सबसे पहले पृथ्वी पर पहुँचती हैं।
- ये संपीडन तरंगें हैं जो चट्टान के कणों के अनुदैर्ध्य दिशा में कंपन करने के कारण बनती हैं।
- P तरंगों की गति सबसे तेज होती है इसलिये वे पहले भूकंपीय स्टेशन पर पहुँचती हैं।
- इनका वेग S तरंगों के वेग से 1.7 गुना होता है। वे ठोस के साथ-साथ द्रव माध्यम से भी गुजर सकती हैं।
- इनकी औसत गति 8 किमी. प्रति सेकेण्ड होती है।
S तरंग-
- इन्हें गौण तरंगें (Secondary waves) अथवा अनुप्रस्थ तरंगें (Transverse Waves) भी कहते हैं।
- इसकी गति प्राथमिक तरंग से लम होती है।
- इन तरंगों की संचरण दिशा तथा कणों के दोलन की दिशा एक-दूसरे के समकोण पर होती हैं।
- इन तरंगों की औसत गति 4 किमी. प्रति सेकेण्ड होती है।
L तरंग-
- इन्हें धरातलीय या लम्बी तरंगों के नाम से भी जाना जाता है।
- इन तरंगों की खोज H. D. Love ने की थी, इसलिए इन्हें Love Waves के नाम से भी जाना जाता है।
- ये तरंगें मुख्यतः धरातल तक ही सीमित रहती हैं।
- ये तरंगें ठोस, तरल तथा गैस तीनों माध्यमों से गुजर सकती हैं।
- इनकी गति 3 किमी. प्रति सेकेण्ड होती है।
3. भूकंप और सुनामी के बीच अंतर स्पष्ट कीजिए।
भूकंप
- यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है भूकंप का मतलब भूमि का कंपन होना है। भूकंप एक भूभागीय प्रक्रिया है जिसकी तीव्रता कभी-कभी डरावनी होती है। तथा उससे जान माल की क्षति होती है।
- यह पृथ्वी के गर्भ में संचित अधिक ऊर्जा के मुक्त होने से उत्पन्न होती है, जो भूकंपीय तरंगे कहलाती है।
- भूकम्प पृथ्वी की सतह के हिलने को कहते हैं। यह पृथ्वी के स्थलमण्डल में ऊर्जा के अचानक मुक्त होने के कारण उत्पन्न होने वाली भूकम्पीय तरंगों के कारण होती है।
- पृथ्वी के अंदर अचानक कंपन को भूकंप कहते है।
सुनामी
- यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जिसमें जलिय महासागर का पानी भूकंप के आने के कारण बड़े स्तर पर इधर-उधर होता है। जिसे बड़ी-बड़ी लहरें उत्पन्न होती हैं, इसे सुनामी कहते हैं।
- कंपन का केंद्र जब महासागर की तली पर होता है, तब वह सुनामी के नाम से जाना जाता है।
- महासागर के ताल में भूकंप आने के कारण समुन्द्र का पानी तटवर्तीय क्षेत्रों में प्रवेश करता है। जिसे जान- माल की हानी होती है। इसे ही सुनाम कहते है।
4. सुनामी से बचाव के कोई तीन उपाय बतावें।
सुनामी से बचाव के तीन उपाय
- सुनामी चेतावनी तंत्र (Tsunami warning system) पर विशेष ध्यान दें तथा मौसम से सम्बंधित खबरें सुनते रहें।
- समुद्रीय तटवर्ती इलाकों से नगर तथा वस्ती दूर तथा ऊँचाई पर बसाएँ।
- तटीय जल की तेजी से बृद्धि तथा गिरावट पर ध्यान दें।
नीचे आपको आपदा प्रबंधन के chapter 1, chapter 2, chapter 4 आदि का लिंक दिया गया है जिन्हें जरूर देखें।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
1. भूकंप क्या है ? भारत को प्रमुख भूकंप क्षेत्रों में विभाजित करते हुए सभी क्षेत्रों का संक्षिप्त विवरण दीजिए।
भूकंप
यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है भूकंप का मतलब भूमि का कंपन होना है। भूकंप एक भूभागीय प्रक्रिया है जिसकी तीव्रता कभी-कभी डरावनी होती है। तथा उससे जान माल की क्षति होती है। यह पृथ्वी के गर्भ में संचित अधिक ऊर्जा के मुक्त होने से उत्पन्न होती है, जो भूकंपीय तरंगे कहलाती है। भूकम्प पृथ्वी की सतह के हिलने को कहते हैं। यह पृथ्वी के स्थलमण्डल में ऊर्जा के अचानक मुक्त होने के कारण उत्पन्न होने वाली भूकम्पीय तरंगों के कारण होती है।
भूकंप के मुख्य कारण-
ज्वालामुखी का विस्फोट।
पृथ्वी का सिकुड़ना।
प्लेट विवर्तनिकी का सिद्धांत।
जलीय भार।
प्रत्यास्थ प्रतिक्षेप सिद्धांत।
भूमि असंतुलन।
भारत के प्रमुख भूकंप क्षेत्र
खतरे के हिसाब से देश को चार हिस्सों में बांटा गया है, जैसे जोन-2, जोन-3, जोन-4 तथा जोन-5। सबसे कम खतरे वाला जोन-2 है, तथा सबसे ज्यादा खतरे वाला जोन-5 है।
भारत में भूकंप की संवेदनशीलता को देखते हुए इसे चार जोन में बांटा गया है, जो इस प्रकार हैं-
- सिस्मिक जोन 5.
- सिस्मिक जोन 4.
- सिस्मिक जोन 3.
- सिस्मिक जोन 2.
जोन 5-
- इसमें पूरा पूर्वोत्तर इलाका, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तरांचल के इलाके, गुजरात का कच्छ, उत्तर बिहार और अंडमान निकोबार द्वीप शामिल है।
- यहाँ आठ से नौ तीव्रता वाले भूकंप के आने की संभावना रहती है।
- यह अधिक खतरनाक होते है।
जोन 4-
- इसमें दिल्ली, एनसीआर के इलाके, जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के इलाके, यूपी, बिहार और पश्चिम बंगाल का उत्तरी इलाका, गुजरात का कुछ हिस्सा और पश्चिम तट से सटा महाराष्ट्र और राजस्थान का इलाका आता है।
- इसमें भूकंप की तीव्रता 7.9-आठ रहती है।
- यह भी खतरनाक होते है।
जोन 3-
- इसमें केरल, गोवा, लक्षदीप, यूपी, गुजरात और पश्चिम बंगाल के बचे हुए इलाके, पंजाब, राजस्थान, मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, उड़ीसा, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और कर्नाटक के इलाके आते हैं।
- इसमें भूकंप की तीव्रता सात या उससे कम होती है।
- यह मध्यम खतरनाक होते है।
जोन 2-
- इसमें केरल, गोवा, लक्षदीप, यूपी, गुजरात और पश्चिम बंगाल के बचे हुए इलाके, पंजाब, राजस्थान, मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, उड़ीसा, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और कर्नाटक के इलाके आते हैं।
- यहां 4.9 तीव्रता से ज्यादा का भूकंप आने का खतरा नहीं है।
- यह कम खतरनाक होते है।
2. सुनामी से आप क्या समझते हैं? इससे बचने के उपायों का उल्लेख कीजिए।
सुनामी
यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जिसमें जलिय महासागर का पानी भूकंप के आने के कारण बड़े स्तर पर इधर-उधर होता है। जिसे बड़ी-बड़ी लहरें उत्पन्न होती हैं, इसे सुनामी कहते हैं। कंपन का केंद्र जब महासागर की तली पर होता है, तब वह सुनामी के नाम से जाना जाता है। महासागर के ताल में भूकंप आने के कारण समुन्द्र का पानी तटवर्तीय क्षेत्रों में प्रवेश करता है। जिसे जान- माल की हानी होती है। इसे ही सुनाम कहते है।
सुनामी से बचने के उपाय
- सुनामी चेतावनी तंत्र (Tsunami warning system) पर विशेष ध्यान दें तथा मौसम से सम्बंधित खबरें सुनते रहें।
- समुद्रीय तटवर्ती इलाकों से नगर तथा वस्ती दूर तथा ऊँचाई पर बसाएँ।
- पशु पक्षियों की गतिविधियों पर ध्यान दें। पशुओं का अपनी जगह को छोड़ना, मानव शरण लेने की कोशिश करना, असामान्य व्यवहार, या एक साथ समूह बनाना जो वे आमतौर पर नहीं करते हैं
- तटीय जल की तेजी से बृद्धि तथा गिरावट पर ध्यान दें। अगर समुद्र अचानक पीछे जाकर वापस आ जाए और खाली रेत को छोड़ दे, तो यह एक बड़ी चेतावनी का संकेत है कि पानी में अचानक अंतर्देशीय वृद्धि होने वाली है।
- सुनामी आने पर जरूरत का समान लेकर कमसे कम 30 मीटर ऊँची पहाड़ी या सुरक्षित स्थान पहुँच जाएँ।
- अगर आप सुनामी में जल में फँस जाये तो कोई भी जल में तैरने वाली चीज पकड़ ले तथा घबड़ायें बिल्कुल भी नहीं।
- अगर सुनामी का जल नगर में भर जाएँ तो कोई मजबूत पक्की इमारत पर चढ़ जाएँ।
- आपको वचाव दल जैसे – डॉक्टर एम्बुलेंस पुलिस आदि के संपर्क नम्बर याद होने चाहिए
- कभी भी समुद्र में आने वाली लहरों को पास से ना देखें, वरना ये घातक सिद्ध हो सकता है।
- सुनामी के बाद सरकार को तथा विभिन्न विभागों जैसे – स्वास्थ्य, आर्थिक, कल्याण, बिजली, सिंचाई, आदि को सुनामी ग्रस्त इलाकों में राहत कार्य पहुँचाना चाहिए।
- समुन्द्र के किनारे बांध बनाने चाहिए जो काफी मजबूत और ऊंचे हो।
3. भूकंप एवं सुनामी के विनाशकारी प्रभाव से बचने के उपायों का वर्णन कीजिए।
भूकंप प्रभाव से बचने के उपाय:-
- अगर आपको लग रहा है, कि धरती कंपन करने लगी है तो यह भूकंप के संकेत हो सकते हैं। ऐसी स्थिति में आप तुरंत घर से बाहर खाली जगह या मैदान में चले जाए।
- आप भूकंप के दौरान किसी बड़ी इमारत के अंदर है तो आप किसी मजबूत लकड़ी की टेबल के नीचे एसे बैठ जाएँ कि आपके किसी भी अंग को नुकसान ना हो।
- भूकंप आने पर कभी भी अपने घर में किसी मजबूत वस्तु या अलमारी के आसपास खड़े ना हो या उसके नीचे ना बैठे वरना यह आपके ऊपर गिर सकती है, और आपके शरीर को क्षति पहुँच सकती है।
- अगर भूकंप के झटके लगातार आ रहे हैं और आप अलमारी या अन्य मजबूत वस्तु के नीचे फँस गए हैं, तो आप वहां से धीरे-धीरे निकलने की कोशिश करें किंतु घर से बाहर ना जाए।
- भूकंप आने पर अगर धीरे-धीरे झटके लगने शुरू होते हैं तो सबसे पहले आप बिजली के सारे उपकरण बंद कर दें।
- यदि आप किसी अपार्टमेंट में बड़ी बिल्डिंग में रहते हैं तो आप हमेशा खिड़की से दूर रहे हैं वरना आप खिड़की से बाहर भी गिर सकते हैं।
- भूकंप आने पर बहुत से लोग घर से बाहर की तरफ भागने लगते हैं, लेकिन हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि आप ऐसी सुरक्षित और खाली स्थान पर जाएँ जहाँ पर कोई भी पेड़ या बिजली के खंबे या बिजली के तार की लाइन ना हो।
- भूकंप के झटके आने पर लोग घरों की तरफ भागते हैं किंतु ऐसा कभी नहीं करना चाहिए जितनी जल्दी हो सके आप घर, मकान, बिल्डिंग आदि की पहुँच से दूर हो जाएँ और तथा खाली स्थान पर पहुँचे।
- अगर आप किसी वाहन में है तो इसे धीरे-धीरे करके रोके तथा वाहन खाली स्थान मैदान में गाड़ी में बैठे रहे जब तक झटके बंद नहीं हो जाते।
- जब भी भूकंप आते हैं, तो बहुत से लोग घबरा जाते हैं जिससे उन्हें दिल का दौरा पड़ जाता है बहुत से लोग घबराहट में कई नुकसान कर लेते है और कुछ तो मृत्यु को प्राप्त हो जाते हैं। इसलिए ऐसी अवस्था में लोगों को घबराना नहीं चाहिए बल्कि सावधानीपूर्वक भूकंप से बचने के उपाय करना चाहिए।
- यदि आप घर के बाहर हों तो जहां हों वहां से आप न हिलें। तथापि बिल्डिंग, पेड़ों, स्ट्रीट लाइटों तथा बिजली/टेलीफोन आदि की तारों आदि से दूर रहें।
- आप किसी खुली जगह पर हों तो वहां तब तक रुके रहें जब तक कि भूकंप के झटके न रुक जाएं। सबसे बड़ा खतरा बिल्डिंग के बाहर, निकास द्वारों तथा इसकी बाहरी दीवारों के पास होता है।
- घरों को आयातकर बनान चाहिए।
- भूकंप आने पर कोने वाले स्थान पर छुप जाना चाहिए।
सुनामी प्रभाव से बचने के उपाय
- सुनामी चेतावनी तंत्र (Tsunami warning system) पर विशेष ध्यान दें तथा मौसम से सम्बंधित खबरें सुनते रहें।
- समुद्रीय तटवर्ती इलाकों से नगर तथा वस्ती दूर तथा ऊँचाई पर बसाएँ।
- पशु पक्षियों की गतिविधियों पर ध्यान दें। पशुओं का अपनी जगह को छोड़ना, मानव शरण लेने की कोशिश करना, असामान्य व्यवहार, या एक साथ समूह बनाना जो वे आमतौर पर नहीं करते हैं
- तटीय जल की तेजी से बृद्धि तथा गिरावट पर ध्यान दें। अगर समुद्र अचानक पीछे जाकर वापस आ जाए और खाली रेत को छोड़ दे, तो यह एक बड़ी चेतावनी का संकेत है कि पानी में अचानक अंतर्देशीय वृद्धि होने वाली है।
- सुनामी आने पर जरूरत का समान लेकर कमसे कम 30 मीटर ऊँची पहाड़ी या सुरक्षित स्थान पहुँच जाएँ।
- अगर आप सुनामी में जल में फँस जाये तो कोई भी जल में तैरने वाली चीज पकड़ ले तथा घबड़ायें बिल्कुल भी नहीं।
अगर सुनामी का जल नगर में भर जाएँ तो कोई मजबूत पक्की इमारत पर चढ़ जाएँ। - आपको वचाव दल जैसे – डॉक्टर एम्बुलेंस पुलिस आदि के संपर्क नम्बर याद होने चाहिए।
- कभी भी समुद्र में आने वाली लहरों को पास से ना देखें, वरना ये घातक सिद्ध हो सकता है।
- सुनामी के बाद सरकार को तथा विभिन्न विभागों जैसे – स्वास्थ्य, आर्थिक, कल्याण, बिजली, सिंचाई, आदि को सुनामी ग्रस्त इलाकों में राहत कार्य पहुँचाना चाहिए।
- समुन्द्र के किनारे बांध बनाने चाहिए जो काफी मजबूत और ऊंचे हो।
- घरों को समुद्र तट से दूर ऊँचाई पर
भूकम्प आने के क्या कारण है?
- जब पृथ्वी की प्लेटों में असंतुलन उत्पन्न होती है तो भूकंप का जन्म होता है।
- भूकंप भूगर्भीय दोषों के कारण आते हैं, भारी मात्रा में गैस प्रवास, पृथ्वी के भीतर मुख्यतः गहरी मीथेन, ज्वालामुखी, भूस्खलन और नाभिकीय परिक्षण ऐसे मुख्य दोष हैं।
- भूकंप के उत्पन्न होने का प्रारंभिक बिन्दु केन्द्र या हाईपो सेंटर कहलाता है।
- जलाशयों के जल भर से सतह पर असंतुलित दबाव पड़ता है, जिसके कारण भूकंप उत्पन्न हो सकती है।
नीचे आपको आपदा प्रबंधन के chapter 1, chapter 2, chapter 4 आदि का लिंक दिया गया है जिन्हें जरूर देखें।
निष्कर्ष:
हमें उम्मीद है अपने यह पोस्ट पूरा पढ़ा होगा। इस पोस्ट में हमने सभी प्रश्नों के उत्तर आसान भाषा में देने का प्रयास किया हैं। आशा है इसके माध्यम से आपको अच्छी जानकारी मिली होगी। भूकंप एवं सुनामी आपदा प्रबंधन के सभी टॉपिक को बताया गया है जैसे- भूकंप एवं सुनामी क्या है?, भूकंप एवं सुनामी के कारण क्या है?, भूकंप एवं सुनामी के बचाव आदि। नीचे आपको आपदा प्रबंधन के chapter 1, chapter 2, chapter 4 आदि का लिंक दिया गया है जिन्हें जरूर देखें।
Geography Objective Chapter | Solution |
संसाधन विकास और उपयोग | |
भूमि और मृदा संसाधन | |
जल संसाधन | |
वन और वन पराणी संसाधन | |
खनिज संसाधन | |
शक्ति और ऊर्जा संसाधन | |
कृषि संसाधन | |
निर्माण उद्योग | |
परिवहन , संचार और व्यापार | |
बिहार : संसाधन एवं उपयोग | |
बिहारः खनिज ऊर्जा संसाधन | |
बिहारः उद्योग एवं परिवहन | |
बिहार जनसंख्या एवं नगरीकरण | |
मानचित्र अध्य्यन |
Class 10th Aapda Prabandhan Objective Chapter 3 (प्राकृतिक आपदा एवं प्रबंधन : भूकंप एवं सुनामी) सामाजिक विज्ञान (Social Science) कक्षा 10 आपदा प्रबंधन अध्याय 3 (prakritik aapda evam prabandhan:bhukamp evam sunami) का अब्जेक्टिव प्रश्न पीडीएफ़ Bihar Board (Matric मैट्रिक) vvi Objective in Hindi pdf Class 10th Civics Objective Chapter 3