पत्र – लेखन – Patr Lekhan

1. विद्यालय में साइकिल स्टैंड बनवाने हेतु प्राचार्य को आवेदन पत्र लिखें।

सेवा में,
श्रीमान् प्रधानाध्यापक महोदय,
उच्च विद्यालय, नीमी ( शेखपुरा )

महाशय,
निवेदन है कि विद्यालय से मेरा गाँव दूर है। इस हेतु मैं नियमित रूप से साइकिल से विद्यालय आता हूँ। विद्यालय में साइकिल सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कृपया साइकिल स्टैंड बनवाने की कृपा करें ताकि हम साइकिल चोरी होने के भय में न रहकर शिक्षा ग्रहण कर सकें।
अतः श्रीमान् यथाशीघ्र साइकिल स्टैंड बनवाकर ‘हमें कृतार्थ करें।
दिनांक : 10/02/20………

आपका आज्ञाकारी छात्र
विद्यापति कुमार
कक्षा-दस, क्रमांश – 15

2. प्रधानाध्यापक के पास परीक्षा शुल्क माफी के लिए आवेदन पत्र लिखें।
अथवा, शुल्क मुक्ति के लिए प्रधानाध्यापक को प्रार्थना पत्र लिखें। 

सेवा में,
श्रीमान् प्रधानाध्यापक महोदय,
राजकीयकृत महादेव उच्च विद्यालय,

महोदय,

सविनय निवेदन है कि मैं विद्यालय की कक्षा दस का छात्र हूँ। मेरे पिताजी एक प्राइवेट फर्म में कार्यरत हैं जिन्हें सात हजार रुपये मासिक वेतन मिलता है। इस महँगाई के युग में इस अल्प आय में चार प्राणियों की रोटी ही मुश्किल से चल पाती है। मेरी पढ़ाई में विशेष रुचि है। मैंने प्रत्येक कक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। मेरे परिवार की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि मैं विद्यालय शुल्क दे सकूँ। यदि आप मेरी फीस माफ कर दें तो मैं आगे की पढ़ाई जारी रख सकता हूँ। इस हेतु आपका सदैव आभारी रहूँगा ।
दिनांक : 22/2/20……

आपका प्रिय शिष्य
अमरजीत कुमार
कक्षा-दस (अ), क्रमांश – 14

3. पुनः नामांकन के लिए प्रधानाध्यापक को प्रार्थना पत्र लिखें ।

सेवा में,
प्रधानाध्यापक महोदय,
पटना कॉलेजिएट, पटना
द्वारा – वर्ग अध्यापक महोदय ।
विषय: पुनः नामांकन के लिए प्रार्थना-पत्र।
महाशय,
मैं दसवीं कक्षा का अत्यन्त दीन-हीन छात्र हूँ। मेरे पिता का निधन हो गया है। मैं अपनी पढ़ाई मुश्किल से चला पा रहा हूँ। मैं समय पर विद्यालय शुल्क नहीं अदा कर पाया जिसके कारण मेरा नामांकन रद्द हो गया। मैंने पुनः अपना विद्यालय शुल्क जमा कर दिया है। अतः मेरा पुनः नामांकन कर दिया जाए। आशा है मेरे आवेदन पर विचार कर अनुकूल निर्णय लेने की कृपा करेंगे। इस कृपा के लिए सदा आभारी रहूँगा ।

आपका विश्वासी छात्र
रामदीन राम

4. अनुपस्थिति दण्ड माफ करने के लिए प्रधानाध्यापक के पास एक आवेदन पत्र लिखें।

सेवा में,
प्रधानाध्यापक महोदय,
उच्च विद्यालय, दनियावां, पटना।
द्वारा श्रीमान् वर्ग शिक्षक महोदय,
विषय : अनुपस्थिति दण्ड माफ करने के लिए प्रार्थना-पत्र।
श्रीमान्,
सविनय निवेदन है कि सहसा मेरा स्वास्थ्य खराब हो जाने से कल मैं स्कूल नहीं आ सका । परसों स्कूल से लौटते वक्त चिलचिलाती धूप लगने से मुझे जोर का सिर-दर्द हुआ, जिससे मैं बेचैन हो उठा। मुझे काफी शारीरिक कमजोरी अनुभव हो रही थी। मैं स्कूल आने की स्थिति में नहीं था। डॉक्टर ने भी मुझे पूर्ण विश्राम का परामर्श दिया था।
कृपया मुझे अनुपस्थिति का दण्ड माफ कर अनुगृहीत करें।

दिनांक: 14/3/20………

आपका आज्ञाकारी शिष्य,
राजेश कुमार
वर्ग- दशम्, क्रमांक – 40

5. विद्यालय में सफाई, पेयजल अथवा शौचालय की व्यवस्था के संबंध में प्रधानाध्यापक के पास एक आवेदन पत्र लिखें।

सेवा में,
श्रीमान् प्राचार्य महोदय.
उच्च विद्यालय, चाँदपुरा, वैशाली ।
विषय : सफाई, पेयजल अथवा शौचालय व्यवस्था के सम्बन्ध में।
महाशय,
सनिवेदन कहना है कि मैं भवदीय विद्यालय का नियमित छात्र हूँ। विद्यालय में आये दिन बहुत गंदगी फैली हुई रहती है। पेय जल की व्यवस्था भी ठीक नहीं है। पाइप जहाँ-तहाँ टूटा हुआ है जिससे हम छात्र गंदे पानी पीने को मजबूर हैं। शौचालय की भी उचित व्यवस्था नहीं है।
अतः प्रार्थना है कि उपर्युक्त बातों पर ध्यान देते हुए अविलंब यथोचित कार्रवाई करने की कृपा की जाए। इस महती कृपा हेतु आजीवन आभारी रहूँगा ।

दिनांक : 8/6/20……

आपका प्रिय शिष्य
अविनाश शुक्ला
कक्षा दसवीं (ब), क्रमांश – 15

6. बड़े भाई की शादी में जाने के लिए अवकाश स्वीकृति हेतु अपने प्रधानाध्यापक को एक पत्र लिखें ।

सेवा में,
श्रीमान् प्रधानाध्यापक महोदय,
पटना कॉलेजियट स्कूल, पटना
द्वारा, वर्ग अध्यापक महोदय,
विषय : छुट्टी के सम्बन्ध में ।
महाशय,
सविनय निवेदन है कि मेरे बड़े भाई की शादी 22 नवम्बर को होने जा रही है। इस सुअवसर पर मेरी उपस्थिति अनिवार्य है। अतः आपसे निवेदन है कि मुझे 20 नवम्बर से 24 नवम्बर तक अवकाश प्रदान करें ताकि मैं अपने अग्रज की
शादी में सम्मिलित हो सकूँ ।
इस कृपा के लिए मैं आपका सदैव ही आभारी रहूँगा ।
दिनांक : 15/4/20……….

आपका प्रिय शिष्य
आर्यन अग्रवाल
कक्षा दसवीं (ब), क्रमांश – 4

7. साक्षरता अभियान चलाने के लिए अपने प्रधानाध्यापक के पास एक पत्र लिखें ।

सेवा में,
श्रीमान् प्रधानाध्यापक महोदय,
जिला उच्च विद्यालय, वैशाली
द्वारा, वर्ग अध्यापक महोदय,
विषय : साक्षरता अभियान चलाने के सम्बन्ध में ।
महाशय,
निवेदन है कि मेरे गाँव और आस-पास के गाँवों में आज भी लगभग 60 प्रतिशत लोग निरक्षर हैं। वहाँ पढ़ाई-लिखाई की समुचित व्यवस्था नहीं है और न पढ़ने की ओर लोगों में किसी प्रकार की रुचि ही है। श्रीमान् से नम्र निवेदन है कि अपने विद्यालय के सहयोग से गाँवों में साक्षरता अभियान चलाकर लोगों में जागरूकता पैदा करने का प्रयास किया जाए।
आशा है कि श्रीमान् मेरे अनुरोध को अस्वीकार नहीं करेंगे और इस दिशा में यथाशीघ्र अग्रसर होने का कष्ट करेंगे।
दिनांक : 28/3/20………

आपका प्रिय शिष्य
राजू कुमार
कक्षा – 10वीं (अ), क्रमांश – 28

8. निर्धन छात्र – कोष से सहायता हेतु अपने प्रधानाध्यापक को एक पत्र लिखें।

सेवा में,
श्रीमान् प्रधानाध्यापक महोदय,
उच्च विद्यालय, उमत्ता ( गया )
द्वारा, वर्ग अध्यापक महोदय,
विषय : निर्धन छात्र- कोष से सहायता हेतु ।
महाशय,
सविनय निवेदन है कि मैं आपके विद्यालय की दसवीं कक्षा का विद्यार्थी हूँ। मैं अत्यन्त निर्धन परिवार का हूँ। मेरे पिता का निधन हो गया है। मैं अपनी पढ़ाई मुश्किल से चला पा रहा हूँ। मैं निर्धन छात्र – कोष से कुछ आर्थिक सहायता चाहता हूँ।
आशा है आप मेरे आवेदन पर विचार कर अनुकूल निर्णय लेने की कृपा करेंगे। इस कृपा के लिए मैं आपका जीवनभर आभारी रहूँगा और किसी प्रकार की शिकायत का मौका नहीं दूँगा।
दिनांक : 24/6/20………

आपका प्रिय शिष्य
अमरनाथ साह
कक्षा – 10वीं (अ), क्रमांश – 25

9. घर के दयनीय स्थिति के कारण छात्रवृत्ति हेतु अपने प्रधानाध्यापक को एक आवेदन पत्र लिखें।

सेवा में,
श्रीमान् प्राचार्य महोदय,
उच्च विद्यालय, चाँदपुरा, वैशाली ।
विषय : छात्रवृत्ति प्राप्त करने के सम्बन्ध में।
महाशय,
सनिवेदन कहना है कि मैं भवदीय विद्यालय का नियमित छात्र हूँ। वर्ग में मेरी उपस्थिति संतोषप्रद है। मैं अपनी कक्षा का प्रथम श्रेणी में उतीर्ण होनेवाला एक मात्र छात्र हूँ। लेकिन पिताजी की आय इतनी नहीं है कि मैं आगे की पढ़ाई जारी रख सकूँ।
अतः प्रार्थना है कि मेरी दयनीय स्थिति को देखते हुए छात्रवृत्ति प्राप्त करने हेतु मेरे आवेदन-पत्र को अग्रसारित करने की कृपा करें। यदि मुझे समय से छात्रवृत्ति मिल जाएगी तो मेरी पढ़ाई पूरी हो सकती है और भविष्य सुधर सकता है। इस महती कृपा हेतु आजीवन आभारी रहूँगा ।
दिनांक : 12/4/20……….

आपका प्रिय शिष्य
कश्यप कुमार
कक्षा दसवीं (ब), क्रमांश-8

10. चरित्र प्रमाण पत्र निर्गत करने के लिए अपने प्रधानाध्यापक के पास एक आवेदन पत्र लिखें।

सेवा में,
श्रीमान् प्राचार्य महोदय,
उच्च विद्यालय, संघतपर, मसौढ़ी।
द्वारा, श्रीमान् वर्ग शिक्षक महोदय,
विषय : चरित्र प्रमाण-पत्र निर्गत करने के सम्बन्ध में।
महाशय,
विनम्र शब्दों में निवेदन करना है कि मैं आपके विद्यालय में नियमित रूप से अध्ययनरत रहकर प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुआ हूँ। मैं अपने विद्यालय की प्रत्येक गतिविधि में हिस्सा लेता रहा हूँ। चाहे वह वाद-विवाद प्रतियोगिता हो या खेल या भाषण, चाहे सांस्कृतिक कार्यक्रम सबमें बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया हूँ। अब मैं आगे की पढ़ाई के लिए अन्यत्र जाना चाहता हूँ, जहाँ के लिए मुझे चरित्र प्रमाण-पत्र की आवश्यकता होगी।
अतः, निवेदन है कि उपरोक्त बातों पर ध्यान आकृष्ट करते हुए मुझे चरित्र प्रमाण-पत्र यथा शीघ्र निर्गत कराने की कृपा करें। जिससे मैं आगे की पढ़ाई के लिए नामांकन करा सकूँ। इसके लिए सदा आपका आभारी रहूँगा ।
दिनांक : 14/2/20………

आपकी प्रिय शिष्या
श्वेता कुमारी
कक्षा दसवीं ‘अ’, क्रमांश-5

11. छात्रावास में एक स्थान देने के लिए प्रधानाध्यापक / प्राचार्य के पास एक आवेदन पत्र लिखें।

सेवा में,
प्राचार्य महोदय,
उच्च विद्यालय, नीमी, शेखपुरा ।
द्वारा श्रीमान् वर्ग शिक्षक महोदय,
विषय : छात्रावास में स्थान देने के लिए।
श्रीमान्,
सविनय निवेदन है कि मेरा गाँव स्कूल से बहुत दूरी पर स्थित है । आवागमन का भी कोई साधन नहीं है। मैं एक निर्धन परिवार से संबंध रखता हूँ । मेरे पिताजी की आर्थिक स्थिति बहुत दयनीय है, जिसके कारण मैं बाहर में आवास लेकर रह भी नहीं सकता हूँ । मुझे छात्रावास में जगह उपलब्ध कराने की कृपा की जाय।
अतः श्रीमान से नम्र निवेदन है कि उपरोक्त बातों पर ध्यान देते हुए मुझे जगह उपलब्ध कराने की कृपा की जाय। इसके लिए मैं आपका सदा आभारी रहूँगा ।

दिनांक : 8/6/20………

आपका प्रिय शिष्य
अजय कुमार
कक्षा – दसवीं (स), क्रमांश – 15

12. परिवहन निगम के अध्यक्ष को पत्र लिखिए जिसमें आपके गाँव तक बस चलाने का अनुरोध हो ।

सेवा में,
अध्यक्ष महोदय,
बिहार राज्य पथ परिवहन निगम,
पटना
विषय : निगम का बस – चालन ।
महाशय,
हमारा गाँव खोजपुर, मनेर थाना के अन्तर्गत है । यह मनेर से 15 किलोमीटर आगे मुख्य सड़क के किनारे है, किन्तु खेद का विषय है कि परिवहन निगम की बसें सिर्फ मनेर थाना तक चलती है, जिससे मेरे गाँव और आसपास के गाँवों तक लोगों को जाने-आने की बहुत असुविधा होती है।
अतः आपसे अनुरोध है कि निगम की बसों को खोजपुर या उससे भी आगे बीहपुर चौक तक चलाने की कृपा की जाय। इसके लिए क्षेत्र के लोग आपका आभारी होंगे।
दिनांक : 25/03/20………

भवदीय
रत्नेश कुमार
खोजपुर, मनेर

13. आय प्रमाण-पत्र बनवाने के लिए अंचलाधिकारी को एक आवेदन पत्र लिखें।

सेवा में
अंचलाधिकारी महोदय,
पटना सिटी,
पटना।
विषय : आय प्रमाण-पत्र बनवाने के सम्बन्ध में ।
महाशय,
निवेदन है कि मैं सर गणेश दत्त हाई स्कूल, पटना का निर्धन छात्र हूँ । बोर्ड परीक्षा शुल्क माफ कराने के लिए मुझे आय प्रमाण-पत्र की आवश्यकता है । मेरी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है जिसके कारण मैं बोर्ड परीक्षा शुल्क देने में असमर्थ हूँ ।
अतः श्रीमान् से निवेदन है कि आय प्रमाण-पत्र निर्गत कर मुझ निर्धन छात्र पर कृपा करें। इसके लिए मैं श्रीमान् का सदा आभारी रहूँगा ।

आपका विश्वासी
रामदीन पाठक
पूर्वी लोहानीपुर, पटना

14. जिला के ग्रामीण जलापूर्ति के अभियंता (लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग ) को पाईप लाईन की मरम्मत करने हेतु एक आवेदन पत्र लिखें।

सेवा में
श्रीमान् कार्यपालक अभियंता,
लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग,
ग्रामीण जलापूर्ति, पटना।
विषय : पाईप लाइन की मरम्मत करने के संबंध में।
महाशय,
नम्र निवेदन है कि मैं बैकटपुर (खुसरूपुर) निवासी हूँ। लम्बे समय से यहाँ ग्रामीण जलापूर्ति पाईप लाइन टूटा हुआ है। इसे देखनेवाला कोई नहीं है, जिससे लोग आये दिन बीमारी का शिकार हो रहे हैं।
अतः श्रीमान् से निवेदन करना है कि उपर्युक्त बातों पर ध्यान देते हुए यथाशीघ्र पाईप लाइन की मरम्मती का कार्य प्रारंभ करायें जिससे जलापूर्ति में सुविधा हो सके।

दिनांक: 14/3/20..

भवदीय
उदय सिंह एवं अन्य ग्रामीण
बैकटपुर, खुसरूपुर (पटना)

15. मुहल्ले की सड़कों पर प्रकाश की व्यवस्था करने के लिए नगरपालिका के मेयर के पास एक आवेदन- पत्र लिखें।

सेवा में,
मेयर साहब,
पटना नगर निगम, पटना।
विषय : मुहल्ले की सड़कों पर प्रकाश की व्यवस्था करने के सम्बन्ध में।
मान्यवर,
बहुत दु:ख के साथ कहना पड़ रहा है कि मेरे मुहल्ले में जहाँ लगभग सौ परिवार रहते हैं उस मुहल्ले की सड़कों पर प्रकाश की व्यवस्था नहीं है। शाम होते ही सड़कों पर चलना मुश्किल हो जाता है। आये दिन लूटपाट तथा चोरी की घटनाएँ होती रहती हैं। बहु-बेटियों को बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है। मुहल्लावासी कई बार मौखिक और लिखित शिकायत भी संबंधित पदाधिकारियों से कर चुके हैं, लेकिन इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया।
हम मुहल्लेवासी श्रीमान् से प्रार्थना करते हैं कि आप मुहल्ले का निरीक्षण कर यथाशीघ्र मुहल्ले की सड़कों पर प्रकाश की व्यवस्था सुनिश्चित करने की कृपा करें। मुहल्ले की सड़कों पर प्रकाश की व्यवस्था करने के लिए हम मुहल्लेवासी
आपके आभारी रहेंगे।
दिनांक : 15/4/20………

प्रार्थी
राजीव नगर, पटना के निवासी

16. महल्ले में फैले डेंगू के प्रकोप से बचाने के लिए नगरपालिका के मेयर के पास समुचित उपाय करने के लिए एक आवेदन-पत्र लिखें।

सेवा में,
मेयर साहब,
बिहारशरीफ नगरपालिका,
नालन्दा।
विषय : मुहल्ले में फैले डेंगू के प्रकोप से बचाव के सम्बन्ध में।
महाशय,
हम सोहसराय निवासी आपका ध्यान इस मुहल्ले की सफाई सम्बन्धी अनियमितताओं और मुहल्ले में फैले डेंगू के प्रकोप की ओर खींचना चाहते हैं। लगभग दो सप्ताह हो गए, हमारे मुहल्ले की सफाई हेतु नगर निगम का कोई सफाई कर्मचारी काम पर नहीं आया है। परिणामस्वरूप, मुहल्ले में जगह-जगह कूड़ा- -कर्कट का ढेर लगा हुआ है। मुहल्ले का वातावरण अत्यन्त दूषित तथा दुर्गन्धमय हो गया है। नालियों की सफाई नहीं होने के चलते उनका गन्दा पानी गलियों में जहाँ-तहाँ जमा हो गया है। दुर्गन्ध तथा मच्छरों के प्रकोप से मुहल्ले में डेंगू फैल गया है।
हम मुहल्लेवासी श्रीमान् से प्रार्थना करते हैं कि आप मुहल्ले का निरीक्षण यथाशीघ्र करें। सफाई की नियमित व्यवस्था तथा मुहल्ले में दवा के छिड़काव की
व्यवस्था सुनिश्चित करें। आपकी ओर से उचित कारवाई के लिए हम मुहल्लेवासी आपके आभारी रहेंगे ।
दिनांक : 22/4/20……….

प्रार्थी
सोहसराय, नालंदा के निवासी

17. सड़क पर ‘लहरिया बाइक सवारों’ एवं ‘प्रेशर हॉर्न’ के आतंक से मुक्ति के लिए यातायात पुलिस अधीक्षक को आवेदन-पत्र लिखें।

सेवा में,
यातायात पुलिस अधीक्षक,
पटना।
विषय : सड़क पर ‘लहरिया बाइक सवारों एवं प्रेशर हॉर्न’ के आतंक से
मुक्ति के संबंध में।
महाशय,
मैं आपका ध्यान सड़क पर लहरिया बाइक सवारों एवं प्रेशर हॉर्न से मुक्ति की ओर आकृष्ट करना चाहता हूँ। लहरिया बाइक सवारों से शहर में चलना मुश्किल हो गया है। खासकर बच्चों एवं बूढ़ों की आए दिन दुर्घटनाएँ होती रहती हैं। प्रेशर हॉर्न के उपयोग से शहर में प्रदूषण भी बड़े पैमाने पर फैल रहा है।
आपसे अनुरोध है कि शहर में पुलिस की गश्त बढ़ा दी जाए और लहरिया बाइक सवारों तथा प्रेशर हॉर्न के सवारों को पकड़ने की कार्रवाई की जाए। इसके लिए हम सभी शहरवासी आपके आभारी रहेंगे।
दिनांक : 8/6/20.

भवदीय
विनोद प्रसाद सिंह
कुम्हरार, पटना- 26

19. वाद-विवाद प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करने पर छोटी बहन को बधाई देते हुए पत्र लिखिए।

गौरी-शंकर सदन
पाटलिपुत्र, पटना
दिनांक : 4 मार्च, 20……

प्रिय पूजा,
सदा खुश रहो,
अभी थोड़ी देर पहले गणेश ने मोबाइल पर बताया कि तुम अपने विद्यालय में अंतर विद्यालय वाद-विवाद प्रतियोगिता में प्रथम स्थान आई हो तथा तुम्हें सर्वश्रेष्ठ वक्ता भी चुना गया है। मेरी ओर से तुम्हें बहुत-बहुत बधाई | मुझे विश्वास है कि तुम भविष्य में भी इसी प्रकार अपने विद्यालय तथा माता-पिता का नाम रोशन करोगी। माँजी एवं पिताजी भी तुम्हारी इस जीत पर तुम्हें बधाई स्वरूप आशीर्वाद भेज रहे हैं। मेरी ईश्वर से भी प्रार्थना है कि वह तुम्हारा मार्ग इसी प्रकार प्रशस्त करते रहें और तुम इसी प्रकार जीवन के हर क्षेत्र में नए-नए कीर्तिमान स्थापित करती रहो।
अनेक शुभकामनाओं सहित !

तुम्हारा अग्रज
रवि

20. आपका मित्र बोर्ड की परीक्षा में प्रथम घोषित किया गया है । इस अवसर पर उसे बधाई – पत्र लिखिए ।

मुंडा भवन,
मेन रोड, कोडरमा ।
दिनांक : 15 जून, 20……

प्रिय मित्र सुमन,
सस्नेह नमस्कार !
बिहार बोर्ड की दशम कक्षा की परिणाम सूची में तुम्हारा नाम प्रथम स्थान पर देखकर मुझे अतीव प्रसन्नता हुई। प्रिय मित्र, मुझे तुमसे यही आशा थी ।
तुमने परिश्रम भी तो बहुत किया था। तुमने सिद्ध कर दिया कि परिश्रम की बड़ी महिमा है। 85 प्रतिशत अंक प्राप्त करना कोई खाला जी का घर नहीं। अपनी इस शानदार सफलता पर मेरी ओर से हार्दिक बधाई स्वीकार करो। अपने माता-पिता को भी मेरी ओर से बधाई देना न भूलो।
ग्रीष्मावकाश में तुम्हारे पास आऊँगा। मिठाई तैयार रखना ।

तुम्हारा अपना
विकास कुमार

21. परीक्षा में प्रथम आने पर अपने मित्र को शुभकामना पत्र लिखें ।

दीनानाथ भवन
मेन रोड, पटना
दिनांक : 15 फरवरी, 20…..

प्रिय अनिल,
मधुर स्मृति !
आज ही तुम्हारा पत्र मिला। पढ़कर हार्दिक प्रसन्नता हुई । तुमने परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। आशा है, भविष्य में भी तुम इसी मेहनत तथा लगन से अपनी पढ़ाई करोगे । स्वर्णिम भविष्य के लिए ढेरों शुभकामनाएँ ।

तुम्हारा
दीपक कुमार

22. अपनी सहेली की माताजी के आकस्मिक निधन पर एक संवेदना (शोक ) पत्र लिखिए।

श्याम भवन, विक्रमगंज
4-11-20…….

प्रिय सहेली लता,
आपकी आदरणीया माताजी की असामयिक मृत्यु का समाचार सुनकर इतना दुःख हुआ कि उसे शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकती। आप पर तो मुसीबतों का पहाड़ ही टूट पड़ा है। किन्तु, क्या किया जाए, मृत्यु पर हमारा वश भी तो नहीं ! इस दुःखद घड़ी में मैं ईश्वर से प्रार्थना करती हूँ कि वह दिवंगत आत्मा को शान्ति दे और आपको इतना साहस और शक्ति दे कि आप इस वियोग को सहन कर सकें। आप और आपके परिवार के प्रति हार्दिक सहानुभूति है। यदि मैं ऐसे अवसर पर आपकी सेवा कर सकूँ, तो मुझे खुशी होगी। आदेश दें।

भवदीया
सोनी

23. पैसे के लिए अपने पिता के पास एक पत्र लिखिए ।

सरस्वती लॉज, पटना
दिनांक : 22/2/20………

आदरणीय पिताजी,
चरण स्पर्श !
मैं यहाँ सकुशल हूँ। आशा करता हूँ कि आप और पूरा परिवार कुशलतापूर्वक होंगे। पिताजी, मुझे कुछ जरूरी किताबों को खरीदने के लिए कुछ पैसों की आवश्यकता है। किताबें लगभग 300 रुपये की होंगी। साथ ही एक-दो कपड़े तथा कुछ रोजमर्रा की वस्तुएँ भी खरीदनी हैं। इसलिए आपसे निवेदन है कि मुझे 1000-1200 रुपये भेजने का कष्ट करें।
विशेष माँ को चरण-स्पर्श एवं छोटू को शुभ प्यार।

आपका पुत्र
अभिनव कुमार

24. अपने मित्र के पास एक पत्र लिखें जिसमें चिड़िया खाना भ्रमण कीचर्चा करें।

नेताजी मार्ग, वैशाली
24-3-20

प्रिय मित्र,
सुदेश !
नए वर्ष की शुभकामना । मैं, अच्छा हूँ। आशा है, तुम भी सपरिवार कुशल होगे। बहुत दिनों से तुम्हारे पत्र की प्रतीक्षा थी। परन्तु थकहार कर मैं ही लिख रहा हूँ आज हम अपने दोस्तों के साथ पटना का चिडियाखाना घूमने गए थे। सभी मित्रों ने पहले से योजना बना रखी थी कि नए वर्ष में भ्रमण किया जाएगा। आज वह पूरा हो गया। हमलोगों ने पंक्ति में लगकर टिकट खरीदा। सर्वप्रथम फूलों की सुन्दर – सुन्दर क्यारियों से गुजरते हुए लकड़बग्घा के पिंजरे के समीप गए। कितना सुन्दर, फुर्तीला, चमकदार लालिमा लिए आँखें, अद्भुत ! उपरांत हमलोग आगे बढ़ते गए। बन्दर, बाघ, शेर, हिरण, देश-विदेश के पक्षियों की अनेक प्रजातियाँ, उद्विलाव और उसके आगे घड़ियाल तथा मगरमच्छ सबके सब अद्भुत ! जिराफ को मैंने मूँगफली खिलाया।
अब शाम होनेवाली थी। भूख भी जोरों की लगी थी। वापस बाहर चलना मुनासिब था। बाहर निकलकर सभी मित्रों के साथ गरम-गरम लिट्टी-चोखा खाया। ठण्ड बढ़ रही थी। घर लौट गए। सोचा पहले तुम्हें पत्र लिखकर बताऊँ और खुशियाँ बाँटू। तुम्हारे पत्र की प्रतीक्षा में।

तुम्हारा मित्र
नीलेश

25. अपनी बड़ी बहन को पत्र लिखें, जिसमें साफ-सफाई के बारे में जानकारी हो ।

स्टैण्ड रोड, बेगूसराय
14-3-20…..


आदरणीय दीदी,
सादर प्रणाम !
आपका पत्र तथा समाचार पाकर मुझे बहुत खुशी मिली। यहाँ अपने छात्रावास में मैं कुशलतापूर्वक अपना अध्ययन कर रहा हूँ ।
हमलोगों का यह छात्रावास बहुत ही उत्तम कोटि का और सुव्यवस्थित है । यहाँ व्यवस्था और साफ-सफाई पर विशेष ध्यान रखा जाता है । सुबह उठते ही हमलोग अपने बिछावन को सहेजकर रखते हैं, घर में झाड़ ू लगाते हैं और अपनी अध्ययन सामग्री को सजाते हैं । फिर, नित्यक्रिया कर स्नान और कपड़े की सफाई करते हैं, तथा नाश्ता कर अध्ययन के लिए बैठते हैं । कोई भी व्यक्ति कूड़ा-कचरा नियत जगह पर रखने की बजाय यत्र-तत्र नहीं डाल सकता | छात्रावास में स्थान-स्थान पर क्यारियों में फल-फूल के पेड़-पौधे भी लगाए गए हैं। इसलिए, हमें इस छात्रावास का जीवन आनन्दमय लगता है |
अब, बस केवल आपलोगों का प्यार मिलता रहे । माता-पिता को मेरा प्रणाम !

आपका
कृष्णा कुमार

26. परीक्षाओं की तैयारी की जानकारी के विषय में अपने मित्र के पास पत्र लिखें।
अथवा, बोर्ड परीक्षा की तैयारी का वर्णन करते हुए अपने मित्र के पास एक पत्र लिखें।

कुम्हरार, पटना
15 फरवरी, 20…..

प्रिय दीपक,
तुम्हारा पत्र मिला । तुमने मेरी बोर्ड परीक्षा के विषय में पूछा है। मेरी परीक्षाएँ अगले महीने प्रारंभ होने वाली है। मैंने परीक्षा के लिए गंभीरतापूर्वक पढ़ना शुरू कर दिया है। गणित और विज्ञान पर विशेष ध्यान दे रहा हूँ। भाषा और सामाजिक विज्ञान के सारे पाठों को पहले ही दुहरा चुका हूँ। हाँ, हिन्दी और अंग्रेजी में व्याकरण का अभ्यास पूरी सतर्कता के साथ कर रहा हूँ। आशा है, परीक्षाओं की तिथि तक सारी तैयारी पूरी हो जायेगी।
तुम्हारी पढ़ाई भी सुचारुरूप से चल रही होगी। माता-पिता को मेरा प्रणाम कहना। सभी बड़ों को प्रणाम कहना ।

तुम्हारा मित्र
विनय

27. पटना भ्रमण की चर्चा करते हुए अपने मित्र के पास पत्र लिखें।

नेताजी मार्ग, वैशाली
24-3-20…..

प्रिय मित्र,
सुदेश ।
नए वर्ष की शुभकामना। मैं अच्छा हूँ। आशा है, तुम भी सपरिवार कुशल होंगे। बहुत दिनों से तुम्हारे पत्र की प्रतीक्षा थी। परन्तु थकहार कर मैं ही लिख रहा हूँ। आज हम अपने दोस्तों के साथ पटना घूमने गए थे। सभी मित्रों ने पहले से योजना बना रखी थी कि नए वर्ष में पटना का भ्रमण किया जाएगा। आज वह पूरा हो गया। पटना में हमलोगों ने चिड़ियाखाना, अजायबघर, गोलघर, सचिवालय तथा विधानसभा देखा ।
अब शाम होनेवाली थी। भूख भी जोरों की लगी थी। वापस चलना मुनासिब था। बाहर निकलकर सभी मित्रों के साथ गरम-गरम लिट्टी-चोखा खाया। ठण्ड बढ़ रही थी। घर लौट गए। सोचा पहले तुम्हें पत्र लिखकर बताऊँ और खुशियाँ बाँटू । तुम्हारे पत्र की प्रतीक्षा में।

तुम्हारा मित्र
अर्जुन कुमार

28. अपने अग्रज / पिताजी के पास एक पत्र लिखें जिसमें वार्षिक परीक्षा की तैयारी का वर्णन हो ।

ए. एन. हाई स्कूल, पटना
14 फरवरी, 20……

आदरणीय भैयाजी / पिताजी,
सादर प्रणाम ।
कुशलोपरांत कुशलाकांक्षी हूँ । आपका पत्र मिला । आपने मेरी वार्षिक परीक्षा की तैयारी के बारे में जानने की इच्छा प्रकट की है। भैया / पिताजी, मैं सदा आपके आदर्शों पर चलना चाहता हूँ । आपकी प्रेरणानुसार मैं अपनी वार्षिक परीक्षा की तैयारी पूरी मन लगाकर कर रहा हूँ। मैंने अपनी दिनचर्या बना रखी है दिनचर्या के अनुसार आजकल मैं अपना अधिकांश समय पढ़ने में लगा रखा हूँ । प्रश्नोत्तरों को याद करने के बाद लिखता हूँ, फिर उनकी जाँच करता हूँ। इससे त्रुटियों का पता चल जाता है, जिसका निवारण मित्रों के साथ बैठकर या अपने गुरुदेवों के परामर्श से कर लिया करता हूँ । इस तरह मैं अपनी ओर से पूरी मेहनत कर रहा हूँ । अब आपका आशीर्वाद मेरे साथ बना रहे, यही ईश्वर से प्रार्थना है। अब पत्रांत करता हूँ।
पिताजी एवं माताजी के चरणकमलों में मेरा प्रणाम तथा शेष भाई-बहनों को यथोचित प्रणाम एवं शुभाशीष ।

आपका भाई / पुत्र
अशोक आनन्द

29. छोटे पुत्र को संबोधित करते हुए पिता का एक पत्र लिखें, जिसमें मनोबल बढ़ाने की कोशिश की गई हो ।

रानीगंज, पटना
20/10/20…..

प्रिय पुत्र राजू,
शुभ प्यार
कल ही तुम्हारा पत्र मिला। सब समाचार ज्ञात हुआ । यह जानकर अत्यन्त दुःख हुआ कि तुम परीक्षा में अनुत्तीर्ण हो गए हो। मैं तुम्हारी मनःस्थिति अच्छी तरह से समझ सकता हूँ। लेकिन इसमें तुम्हारा कोई दोष नहीं है। हम सब जानते हैं कि तुम एक मेधावी छात्र रहे हो। तुम जिस संक्रामक रोग के शिकार होकर महीनों बिस्तर पर पड़े रहे, उससे उबर कर अब तुम स्वस्थ हो गए हो। हम सब के लिए सबसे बड़ी खुश की बात यही है।
अस्वस्थता ही तुम्हारे अध्ययन में बाधक बन गयी थी, इसलिए न तुम अपने आप को दोष दो और न निराश रहा करो। जो बीत गया उसे भूलकर तुम नये सिरे से अध्ययन में जुट जाओ। मुझे विश्वास है कि तुम इस बार जरूर अच्छे अंकों से पास होगे।
शुभकामना सहित ।

तुम्हारा शुभाकांक्षी
राजनारायण सिंह

30. अपने मित्र के पास एक पत्र लिखें जिसमें विद्यालय में आयोजित की गई ‘साइकिल’ वितरण का वर्णन हो ।
अथवा, विद्यालय में हुए साइकिल वितरण समारोह की चर्चा करते हुए अपने दादाजी को एक पत्र लिखें।

बोरिंग कैनाल रोड, पटना
20-3-20…..

प्रिय मित्र अभिषेक / पूज्यनीय दादाजी,
नमस्कार ! / चरण स्पर्श,
मैं कुशलपूर्वक रहकर तुम्हारी / आपकी कुशलता की कामना करता रहता हूँ। आशा है कि तुम / आप भी सकुशलपूर्वक होगे। तुम्हें आपको जानकर खुशी होगी कि कल मेरे विद्यालय में साइकिल वितरण समारोह हुआ था जिसमें मुझे साइकिल दी गई। जिलाधिकारी ने विद्यालय के सभी छात्र एवं छात्राओं को एक-एक साइकिल प्रदान की।
इस समारोह के सभापति जिलाधिकारी अभिताभ वर्मा थे। मेरे निर्वाचन क्षेत्र के विधायक ने समारोह का उद्घाटन किया और शिक्षा की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए ‘सर्वशिक्षा अभियान’ में जनता से सक्रिय भूमिका निभाने की अपील की। समारोह का आकर्षक बिंदु था ‘सरस्वती वंदना’ से इसका शुभारंभ होना। सभी छात्र विद्यालय की पोशाक में समारोह में उपस्थित थे। समारोह अभूतपूर्व था। छात्रों और श्रोताओं में संतोषपूर्ण उल्लास साफ पढ़ा जा सकता था। मेरे विद्यालय के प्रधानाचार्य ने धन्यवादज्ञापन किया।
तुम्हारे / आपके पत्र की प्रतीक्षा करूंगा।

तुम्हारा प्रिय दोस्त /आपका प्रिय पौत्र
आरजू

31. राजगीर भ्रमण की चर्चा करते हुए अपनी दीदी के पास एक पत्र लिखें।

पटेल नगर, पटना
14-1-20…..

पूज्यनीया दीदी,
सादर प्रणाम !
मैं कुशलपूर्वक रहते हुए आशा करता हूँ कि आप भी घर पर सकुशल होंगी। मैंने नववर्ष खुशीपूर्वक अपने दोस्तों के साथ मनाया । नववर्ष के दिन हमलोग राजगीर अपने दोस्तों के साथ चले गए थे। राजगृह एक ऐतिहासिक जगह है । वहाँ मैंने ब्रह्मकुंड में स्नान किया। दर्शनीय स्थानों को हमलोगों ने देखा । राजगीर में हमलोगों ने पिकनिक मनाया। शाम को हमलोग अपने दोस्तों के साथ लौटकर पटना आ गये। बड़ों को प्रणाम तथा छोटों को शुभ प्यार !

आपका
आनन्द

32. सत्संगति का महत्त्व बताते हुए अपने मित्र को एक पत्र लिखिए।
अथवा, अपने मित्र को सत्संगति का महत्त्व बताते हुए एक पत्र लिखें।

बोरिंग कैनाल रोड, पटना
20-3-20…..

प्रिय मित्र अभिषेक,
नमस्कार !
मैं कुशलपूर्वक रहकर तुम्हारी कुशलता की कामना करता रहता हूँ । तुम्हारे पिताजी ने मुझ पर भरोसा कर एक पत्र भेजा और दुःख के साथ तुम्हारी कुसंगति की चर्चा की है। यह जानकर कि तुम्हारी संगति बुरे लड़कों से हो गयी है, बहुत दुःख हुआ । मित्र जीवन में अच्छे मित्रों का मिलना वरदान होता है।
तुम यह जानते हो कि ‘समय और ज्वारभाटा’ किसी की प्रतीक्षा नहीं करता है। अतः समय रहते संभलने की आवश्यकता है अन्यथा जीवन-भर पछताना पड़ सकता है। अतः आशा है कि तुम बुरी संगति को त्यागकर अपना ध्यान अध्ययन में लगाओगे।
तुम्हारे पत्र की प्रतीक्षा करूँगा ।

तुम्हारा प्रिय दोस्त
आरजू

33. अपना जन्म दिन कैसे मनाया, इसका वर्णन करते हुए मित्र को एक पत्र लिखें।

हाजीपुर, ‘वैशाली
14-3-20…..

प्रिय मित्र
नमस्ते !
मैं ठीक हूँ। आशा है तू भी मेरी तरह होंगे। तुम्हारा पत्र मिला, पढ़ा, तू बीमार हो गए जिस कारण मेरे जन्म दिन पर नहीं आए। कोई बात नहीं। लेकिन तुम्हारी कमी मुझे बहुत खल रही थी। सभी आमंत्रित लोग आ गए थे। लगभग 8:30 बजे मैंने केक काटा सबने मुझे बधाइयाँ दीं।
अनेक उपहार भी मिले जिसमें कई तो बहुत कीमती भी हैं। मित्रों ने गीत गाए और नृत्य भी किया जिसे लोगों ने पसन्द भी किया। जब तुम आओगे तो तुम्हें वह सब उपहार दिखलाऊँगा ।

तुम्हारा मित्र
ओमकार

34. अपनी बड़ी बहन के पास एक पत्र लिखे जिसमें आपने नव-वर्ष किस प्रकार मनाया, इसका वर्णन हो ।

पटेल नगर, पटना
14-1-20…..

पूजनीया दीदी,
सादर प्रणाम !
मैं कुशलपूर्वक रहते हुए आशा करता हूँ कि आप भी घर पर सकुशल होंगे। मैं नववर्ष खुशी पूर्वक अपने दोस्तों के साथ मनाया। नववर्ष के दिन हमलोग राजगीर अपने दोस्तों के साथ चले गए थे। राजगृह एक ऐतिहासिक जगह है वहाँ मैंने ब्रह्मकुंड में स्नान किया दर्शनीय स्थानों को हमलोगों ने घूमा। राजगीर में हमलोग ने पिकनिक मनाया। शाम में हमलोग अपने दोस्तों के साथ लौटकर पटना आ गए। बड़ों को प्रणाम तथा छोटों को शुभ प्यार !

आपका पुत्र
आनन्द

35. अपने मित्र के पास एक पत्र लिखें जिसमें विद्यालय में आयोजित की गई विज्ञान प्रदर्शनी का वर्णन हो ।

पटेल नगर, पटना
21 फरवरी, 20……

प्रिय मित्र राम,
नमस्ते !
तुमने कई बार यहाँ आने को लिखा, पर आते नहीं हो। इस पत्र को देखते ही तुम यहाँ के लिए चल पड़ो, क्योंकि हमारे विद्यालय में ‘विज्ञान प्रदर्शनी’ लगी हुई है, जो 30 फरवरी तक रहेगी। यह प्रदर्शनी देखने योग्य है। विज्ञान की प्रदर्शन लगाई गई है। विज्ञान से सम्बन्धित विभिन्न प्रकार के उपकरण तथा पुस्तकें रखे गये हैं। लोग बड़े चाव से घूमने आ रहे हैं। तुम देखकर हैरान रह जाओगे ।
बड़े को प्रणाम तथा छोटे को स्नेह !

तुम्हारा मित्र
आकाश

36. अपने मित्र को एक पत्र लिखें, जिसमें किसी मनोरंजक घटना का वर्णन किया गया हो।

डी. – 26, कंकड़बाग
10 अप्रैल, 20…….

प्रिय सुमित,
नमस्ते !
मैं कुशल से हूँ तथा आशा करता हूँ कि तुम भी अपने घर पर सकुशल होंगे। इधर तुम्हारा कोई पत्र नहीं मिला है, इसलिए मैं यह पत्राचार कर रहा हूँ।
हमलोगों ने इस बार वनभोज की अच्छी तैयारी की है। हम अपने साथ एक ऐसे सितारवादक को भी ले जा रहे हैं कि उनका वादन सुनकर तुम्हें रविशंकर की याद हो आएगी । वार्षिक परीक्षा की थकान और ऊब के बाद नववर्ष का यह वनभोज अविस्मरणीय रहेगा। अतः, तुम इसमें अवश्य सम्मिलित होओगे, ऐसा हमें विश्वास है।

तुम्हारा मित्र
अविनाश

37. अपने पिता को एक पत्र लिखें, जिसमें उन्हें अपने जीवन के लक्ष्य के बारे में जानकारी दें।

पटेल नगर, पटना
14-1-20…..

पूज्यवर पिताजी,
सादर प्रणाम !
मैं कुशलपूर्वक रहते हुए आशा करता हूँ कि आप भी घर पर सकुशल होंगे। मेरी दसवीं की परीक्षा परिणाम प्रकाशित हो गया है जिसमें मैं प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण हुआ हूँ। आगे की उच्च शिक्षा के लिए पुन: मैं ए० एन० कॉलेज, विज्ञान संकाय में दाखिला लूँगा। साथ ही मैं एक सक्षम एवं सफल पदाधिकारी, भारतीय प्रशासनिक सेवा (आई०ए०एस० ) स्तर के पदाधिकारी बनने के निमित्त दूर दृष्टि, पक्का इरादा एवं कठिन परिश्रम के सख्त व्रत को हृदय में धारण कर खूब बनूँ । इस निमित्त आपके अनुकूल आशीर्वचनों का भी मैं शुभेच्छु हूँ। इन्हीं चन्द शब्दों से मैं अपने पत्र – लेखन कार्य को विराम देता हूँ।
माताजी को चरण-स्पर्श एवं छोटे को बहुत प्यार ।

आपका पुत्र
आनन्द

38. अपने विद्यालय में मनाए गये ‘बिहार दिवस’ का वर्णन करते हुए मित्र के पास एक पत्र लिखें।

पटना
8 अप्रैल, 20……

प्रिय मित्र मनोज,
नमस्ते !
बहुत दिनों से तुम्हारा पत्र प्राप्त नहीं हो सका। मैं तुम्हारे पास इस पत्र के द्वारा जानकारी दे रहा हूँ कि हमलोगों ने ‘बिहार दिवस’ कैसे मनाया । शायद तुम्हें ज्ञात होगा कि 22 मार्च, 1912 को बिहार ने बंगाल से अलग होकर राज्य का दर्जा प्राप्त किया। इसी दिन को वर्तमान मुख्यमंत्री ने ‘बिहार दिवस’ की घोषणा की। सारे शहर को बिजली के बल्बों से सजाया गया था। हमारा विद्यालय भी नीले बल्बों से रात्रि में ढंक गया था।
बड़ा सुन्दर नजारा था। छात्रों के बीच मिठाइयाँ बाँटी गईं। विशेष मिलने पर !

तुम्हारा मित्र
राकेश

39. नवम वर्ग में पढ़ने वाले अपने छोटे भाई को प्रेरित करते हुए एक पत्र लिखें, जिसमें बोर्ड परीक्षा में ‘वन टू टेन’ में स्थान पाने के लिए आपने कैसी तैयारी की है, इसका वर्णन हो ।

कुम्हरार, पटना-26
28 फरवरी, 20…….

प्रिय सोमेश्वर,
स्नेह !
इधर तुम्हारा कोई पत्र नहीं मिला है। गुणनिधि कल पटना से घर आया। उसी से तुम्हारा समाचार मिला। उसी ने मुझे बताया कि आजकल तुम पढ़ने से ज्यादा ध्यान खेलकूद पर देते हो। खेलना खराब नहीं होता, पर वह खराब तब होता है जब उससे पढ़ाई बाधित हो। तुम्हारी परीक्षा सिर पर है, इसका ध्यान रखते हुए ही तुम्हें खेलकूद के लिए समय निकालना चाहिए।
तुम अपना सारा समय खेलकूद में ही लगाओगे, तो तुम्हारी तैयारी बुरी तरह बाधित होगी। पूरे परिवार को तुमसे बड़ी आशाएँ हैं। अपने भविष्य को ध्यान में रखते हुए तुम्हें अपने अध्ययन पर पूरा समय देना चाहिए जिससे तुम बोर्ड परीक्षा में ‘वन टू टेन’ में स्थान पा सको । शाम में थोड़ी देर के लिए खेल लिया करो, इसमें कोई हर्ज नहीं है। मैं आशा करता हूँ, तुम अपने अध्ययन पर अपेक्षित ध्यान दोगे ।

तुम्हारा शुभाकांक्षी
कल्याण

40. अपने पिता के पास एक पत्र लिखिए जिसमें अपने छात्रावास के अनुभव का वर्णन कीजिए।

जिला स्कूल छात्रावास,
भागलपुर
14 फरवरी, 20…..

पूज्य पिताजी,
सादर प्रणाम !
मुझे आपका स्नेहपूर्ण पत्र कल मिला । आपने मुझे अपने छात्रावास – जीवन के बारे में लिखने के लिए कहा है। इसलिए मैं छात्रावास – जीवन का वर्णन कर रहा हूँ।
आप जानते हैं कि मैं यहाँ चार महीने से रह रहा हूँ। जब मैं यहाँ आया तब मैं खुश नहीं रहता था। अब मैं छात्रावास के जीवन को पसन्द करता हूँ। मैं ‘छात्रावास में रहनेवाले अधिकतर छात्रों को जानता हूँ ।
हमें कुछ नियमों का पालन करना पड़ता है। सबों की एक ही दिनचर्या रहती है । हम प्रात:काल सबेरे उठ जाते हैं । हम अध्ययन-काल में मन लगाकर पढ़ते हैं । जब पढ़ने का समय खत्म हो जाता है तब हम भोजन करके विद्यालय जाते हैं। शाम में हम गेंद, वॉली-बॉल और हॉकी खेलते हैं । तब हम दो घंटों तक पढ़ते हैं। भोजन करने के बाद हम सो जाते हैं।
भोजनालय में हमें अच्छा भोजन मिलता है। छात्रावास के अधीक्षक हमलोगों पर बहुत दया रखते हैं। वे हमलोगों को अपने बच्चों की तरह समझते हैं । यद्यपि छात्रावास का जीवन आनन्दपूर्ण है, फिर भी कभी-कभी मुझे घर की याद सताती है। मम्मीजी को मेरा प्रणाम तथा पिंकी को प्यार !

आपका स्नेहभाजन
पंकज