प्रगति के पथ पर बिहार – Pragati ke Path per Bihar

भूमिका- एक समय था जब बिहार के विषय में कहा जाता था कि यहाँ जंगल राज है । यहाँ की प्रसिद्धि अपहरण, रंगदारी, उबड़-खाबड़ सड़कें, अशिक्षा, गरीबी, बेरोजगारी आदि कुव्यवस्था का साम्राज्य फैला था । देखें, अब क्या परिवर्तन हुआ और हो रहा है ।

गौरवपूर्ण अतीत – गौतम बुद्ध और महावीर की यह धरती इनके धर्म के और आदर्श के प्रभाव में थी । अशोक महान्, सम्राट चन्द्रगुप्त को कौन नहीं जानता ? संपूर्ण भारत पर शासन था जिनका वैसे सम्राट् थे ये लोग । भारतीय मुद्रा पर अशोक के चक्र का चिह्न सिद्ध करता है कि अभी भी बिहार का ही सिक्का भारत में चलता है ।

विभाजन के बाद की स्थिति — बिहार के विभाजन से 15 नवम्बर, 2000 को झारखंड राज्य के रूप में अलग हो गया। बिहार की खनिज संपदा समाप्त हो गई, क्योंकि सभी झारखंड में चले गए । अतः यह अब कृषि पर आधारित राज्य रह गया ।

सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक प्रगति — पिछले कुछ वर्षों में बिहार में सबकुछ नया-नया-सा लगता है। चाहे वह सामाजिक क्षेत्र हो या आर्थिक या शैक्षिक सभी क्षेत्रों में प्रगति हुई है। पंचायतों और नगर निकायों में महिलाओं के पचास प्रतिशत आरक्षण से स्थिति ही बदल गई है। नारियाँ सिर उठाकर चलने लगी हैं,. वे पंच हैं, सरपंच हैं, निगम के पार्षद हैं। लड़कियों को पोशाक और साइकिल देने की सरकार की योजना से स्कूल छात्राओं की संख्या में काफी वृद्धि हुई है । लड़कियों की शिक्षा से शैक्षिक प्रगति हुई है और होती जा रही है ।

जहाँ तक आर्थिक प्रगति का प्रश्न है, वहाँ यही कहना उचित होगा कि रोजगार के क्षेत्र में भी काम हुआ है । शिक्षकों की नियुक्ति, रोजगार योजना के तहत गाँवों में मछली पालन, मुर्गी पालन, बुनकरों के लिए सुविधाएँ प्रदान की गयी हैं। लोगों को अपना कारोबार शुरू करने के लिए बैंक ऋण देने की व्यवस्था की गई है।

वर्त्तमान समय की उपलब्धियाँ तथा उज्ज्वल भविष्य के संकेत – बाढ़ और सूखे की दोहरी मार झेलने के बावजूद बिहार ने विकास दर के मामले में राष्ट्रीय औसत दरं को पीछे छोड़ दिया है। चालू वित्तीय वर्ष के प्रारंभिक आँकड़ों में प्रदेश की विकास दर 10.49 फीसदी है, जबकि देश की 8.6% है । यह सब बिहार में काम और प्रगति का ही नतीजा है । इस तरह अगले वर्षों में भी ऐसी आशा की जा सकती है ।

उपसंहार— हमारा प्यारा बिहार विश्वगुरु रहा है । यहाँ की कला, ज्ञान-विज्ञान, ज्योतिष, आयुर्वेद संसार के प्रकाशदाता हैं । मेरा बिहार बुद्ध, महावीर और अशोक महान आर्यभट्ट जैसे खगोलशास्त्री आदि महान विभूतियों का प्रान्त है । हमें इसका गर्व है ।